अफगानिस्तान में इस वर्ष फरवरी महीने में कुरान की प्रतियां और मुसलमानों की अन्य धार्मिक किताबें जलाने पर छह अमरीकी सैनिकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
अमरीकी अधिकारियों के मुताबिक इन सैनिकों के खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं किया जाएगा.
अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत इन सैनिकों का पद कम करने, तन्ख्वाह कम करने या ज़्यादा काम करवाने जैसे दंड दिए जा सकते हैं.
गौरतलब है कि फरवरी में बग्राम हवाई अड्डे में हुई इस घटना के बाद दंगे भड़क गए थे जिनमें दो अमरीकी सैनिकों समेत 30 लोगों की मौत हो गई थी.
तहकीकात कर रहे अफसर ब्रिगेडियर जेनरल ब्रायन वॉटसन ने कहा, “सैनिकों की इस हरकत के पीछे कुरान का निरादर करने की कोई द्वेषपूर्ण भावना या इस्लाम धर्म की निंदा करने की किसी भी दावे को मैं खारिज करता हूं.”
‘गुप्त संदेश’ भेजने के लिए इस्तेमाल
इस घटना के बाद अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने इन सैनिकों पर जनता के सामने सुनवाई करने की मांग की थी.
रिपोर्ट के मुताबिक कुरान की 53 प्रतियां और 162 अन्य धार्मिक किताबों को एक भट्टी में जला दिया गया था.
ये शंका थी कि हिरासत में रखे गए कैदी इन किताबों का उपयोग गुप्त संदेश भेजने के लिए कर रहे हैं, इसलिए उन्हें वहां से हटाया गया.
इसमें एक अनुवादक का भी दोष पाया गया, क्योंकि कथित तौर पर उन्होंने इन किताबों में लिखी ज़्यादातर सामग्री को उग्रवादी बताया था और अमरीकी सुरक्षा बलों को इन्हें हटाने के लिए सही तरीके भी नहीं सुझाए.
एक अन्य मामले में तीन सैनिकों पर मृत तालिबानी लड़ाकूओं के शवों पर पेशाब करने के लिए भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.