
पाकिस्तान में मंगलवार को तालिबान के हमले में घायल बच्ची मलाला यूसुफजई की सलामती के लिए देश भर में दुआओं का दौर जारी है.
शुक्रवार को देश भर में विशेष प्रार्थना का आयोजन किया गया है. पाकिस्तान के तमाम सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक संगठनों ने सभी लोगों से इसमें शामिल होने की अपील की है.
शुक्रवार को सभी सरकारी दफ्तरों और शैक्षणिक संस्थानों में दिन के 12 बजे एक मिनट का मौन रखा जाएगा.
मलाला के समर्थन में पाकिस्तान में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं और लड़कियाँ भी खुल कर मलाला पर हमले का विरोध कर रही हैं.
गुरुवार को पाकिस्तान की नेशनल एंसेबली ने भी सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया और इस हमले की निंदा की थी.
प्रस्ताव में कहा गया कि मलाला और अन्य घायल लड़कियों के इलाज का खर्च सरकार उठाए.
स्वास्थ्य की चिंता
पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री रहमान मलिक ने बताया है कि ख़ैबर पख़्तूनख्वाह के आईजी को कहा गया है कि वो मलाला की परिवार को सुरक्षा मुहैया करवाएं और अगर ज़रूरत पड़े तो इलाज के लिए उसे विदेश भेजा जाए.
इस बीच, गुरुवार को भी देश भर में मलाला के समर्थन में रैलियां निकाली गईं और मलाला के जल्द ठीक होने की दुआ की गई.
मुल्तान में यंग नर्सेज एसोसिएशन ने गुरुवार को मलाला के समर्थन में कैंडल मार्च निकाला. इन लोगों ने मलाला के जल्द ठीक होने के लिए दुआ की.
इस दौरान एसोसिएशन की पदाधिकारी शागुफ्ता ने कहा कि जिन लोगों ने मलाला पर हमला किया है वो न तो मुसलमान हैं और न ही पाकिस्तानी.
इस बीच, मलाला अब भी अस्पताल में है और उसकी हालत नाजुक बनी हुई है.
गुरुवार को उसे पेशावर से रावलपिंडी के सैन्य अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया था.
लड़कियों की शिक्षा के लिए काम करने वाली 14 वर्षीया लड़की मलाला यूसुफजई को मंगलवार को गोली मार दी गई थी. तालिबान ने इसकी जिम्मेदारी ली है.