पाकिस्तान के स्वात में तालिबान की गोली का शिकार हुई मलाला युसुफ़ज़ई को इलाज को लिए ब्रिटेन लाया गया है. इलाज के लिए उन्हें विदेश भेजे जाने का फ़ैसला चिकित्सकों के एक बोर्ड ने लिया. ब्रिटेन पहुंचने के बाद मलाला का इलाज करनेवाले डॉक्टरों का कहना है कि उनके सेहतमंद होने की उम्मीद अच्छी है.
मलाला का इलाज बर्मिंघम के क्वीन एलिज़ाबेथ अस्पताल में किया जा रहा है जिसे लड़ाई में जख्मी हुए सैनिकों के इलाज में विशेषज्ञता हासिल है.
अस्पताल के निदेशक डॉक्टर डेविड रोसर ने मलाला के बर्मिंघम पहुंचने पर कहा कि अगर मलाला के ठीक होने की उम्मीद नहीं होती तो उन्हें पाकिस्तान से यहां नहीं लाया जाता.
इलाज
मलाला के कपाल की जो हड्डियां टूट गई हैं उन्हें यहां ठीक किया जाएगा. साथ ही उन्हें तंत्रिका संबंधी इलाज की भी ज़रूरत पड़ेगी.
पाकिस्तानी सरकारी टेलीविजन चैनल पीटीवी के मुताबिक़ चिकित्सकों के एक बोर्ड ने मलाला को ब्रिटेन भेजने का फ़ैसला सोमवार सुबह को हुई एक बैठक में लिया था.
ब्रिटेन भेजे जाने से पहले उनका इलाज रावलपिंडी के एक अस्पताल में चल रहा था.
पीटीवी के अनुसार फ़ौज के बयान में कहा गया है कि मलाला के इलाज का तमाम ख़र्च पाकिस्तान की सरकार देगी.
सुधार
बयान में कहा गया है कि उन्हें इलाज के लिए विदेश भेजने का फ़ैसला मलाला के माता-पिता से सलाह मशविरा के बाद लिया गया.
इससे पहले रविवार को जारी एक बयान में कहा गया था कि मलाला को थोड़ी देर के लिए वेंटीलेटर से हटाया गया और उनकी सेहत अब पहले से बेहतर हो रही है.
फ़ौज के प्रवक्ता ने कहा था कि मलाला को बाहर भेजे जाने के लिए एयर एंबुलेंस की व्यवस्था की जा रही है.
महिलाओं पर तालिबान के आदेशों का मलाला हमेशा विरोध करती रही थीं. इसलिए जब उन्हें कुछ दिनों पहले गोली मारी गई तो ये समझा गया था कि ये काम तालिबान का है.
मलाना ने तालिबान शासन में अत्याचारों की बात कही थी जो तालिबान को पसंद नहीं आई थी.
पुलिस ने इस मामले में कुछ लोगों को गिरफ़्तार भी किया है. तालिबान ने कहा है कि वो मलाला को फिर से निशाना बनाएंगे.