आदरणीय मोदी जी, हमारी और आपकी नहीँ जमेगी

modi1आदरणीय मोदी जी,
हमारी और आपकी नहीँ जमेगी।

खुद भी बडे सपने देखते हैं और हमे भी दिखाते हैं।

-हम जातिवाद की चाशनी मे डूबे हैं आप हमे #राष्ट्रवाद सिखाने में लगे हैं।

-हम तो रेलगाड़ी की छत पर बैठकर सैर करने वाले लोग हैं आप बुलेट ट्रेन का ख्वाब दिखाते हैं।

-हम टैन्कर के पानी से सन्तुष्ट हॆ, आप नदियों को जोडने की बात करते हैं।

-अरे हम तो रैन बसेरा की चाह रखते हैं, आप स्मार्ट सिटी की नीयत रखते हॆ।

-हम 3.5 किलो चावल प्रति माह की खैरात से खुश हैं आप मिट्टी की उर्वरक शक्‍ित बढाने पर जोर देते हॆ।

-हम किताब खोलकर परीक्षा देने के आदि हैं आप बेहतर शिक्षा नीति की वकालत करते हैं।

-हमे संस्थागत प्रसव के १२००/-₹ और बन्धयाकरण के ६००/-₹ काफी हैं ,आप गाँव गाँव तक चिकित्सा पहुंचाना चाहते हैं।

-हमे ३०/३०० नम्बर ला डाक्टर और इन्जीनियर बनना पसन्द हैं आप आरक्षण की समीक्षा पर बल देते हैं।

-हमे बेरोजगारी भत्ता की लत है आप लघु उद्योग और स्वरोजगार के लिए ऋण देते हैं।

-हम देश मे सहिष्णुता के लिए त्याग पर त्याग किए जा रहे हैं और आप विश्व पटल पर हमें ऊचा उठाना चाहते हैं।

-कश्मीर का राग अलापते हमारी जिंदगी कट गयी थे, आप बेवजह ये झगड़ा ही ख़त्म करने के फेर मे हैं।

-67/68 साल से हम पाकिस्तान की निंदा प्रस्ताव पास करते आए हैं आप तो कडी कार्यवाही करने लगे हैं।

-हम मुफ्त वाइ फाइ के लिए दाँत निपोरते आये हैं और आप डीजीटल इंडिया का सब्जबाग दिखाते हैं।

-हम कोशिश मे लगे रहते हैं कि टैक्स कैसे बचाया जाए और आप टैक्स सरलीकरण की बात करते हैं।

-हमे पुष्पक के कमल हसन की तरह सडान्ध में रहने की आदत है, आप स्वच्छ भारत अभियान चलाते हैं।

-हम अपनी मर्जी से दफ्तर जाना चाहते हैं आप बायोमेट्रिक सिस्टम लगवाते हैं।

-हम अपहरण उद्योग शान से चलाते हॆ, आप उद्योग की चिन्ता करते हैं।

सार यह है कि
हमारी और आपकी नही जमेगी।
मुफ्तखोरी की आदत हमारे खून में अंदर तक समा चुकी है , हमे आप सा कर्मठ व्यक्ति नहीं चाहिए ।

वैसे भी यदि आपने हमे ये सब खैरात नही दिया तो 2019 मे तो हम आपको हटा देगें और फिर से अपनी उसी 2014 से पहली वाली दुनिया में चले जायेंगे जहाँ प्रेम था, भाईचारा था, सहिष्णुता था, विकास था, अमीरी थी, और ईमानदारी थी ।

अमित भट्ट
पुष्कर रेस्क्यू कमेटी

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