पर्ची नहीं बांटने के मामले में निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी ने की कार्यवाही
-डा.एल.एन.वैष्णव- दमोह / देश में चल रहे लोकसभा के आम चुनाव के चलते भारत निर्वाचन आयोग जहां निष्पक्ष एवं शांति पूर्ण मतदान के लिये कटिबद्ध दिखलायी दे रहा है तो वहीं उसने इसके लिये तय किये गये कानून एवं नियमों के परिपालन में बाधकों के विरूद्ध कडी कार्यवाही के निर्देश दे रखे हैं। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुरूप निर्वाचन संपन्न कराने की दिशा में लगे जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उनके सहयोगी अधिकारियों के होश उस समय उड गये जब बीएलओ ने समस्त नियम निर्देशों को धता बतलाते हुये मतदाताओं को फोटो युक्त मतदाता पर्ची के वितरण में लापरवाही बरते हुये वितरण नहीं किया। इस बात का खुलासा उस हुआ जब मतदान की प्रक्रिया प्रारंभ हुई और जागरूक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने बिना पर्ची के पहुंंचे। मामला एक दो मतदान स्थलों तक ही सीमित नहीं था अपितु इस प्रकार की शिकायत के मामले अधिकांश मतदान स्थलों से प्राप्त होने लगे थे। बीएलओ मतदान स्थलों पर अपने साथ मतदाता सूची एवं पर्चियां बडी मात्रा में साथ लिये अनेक मीडिया कर्मियों के कैमरों में कैद होते रहे। जिसके चलते अनेक प्रश्रों का उपजना प्रारंभ हो चुका था जिसमें यह बात सामने आ रही थी कि यह वही बीएलओ थे जो विधानसभा निर्वाचन प्रक्रिया के चलते अपने कार्य को मुस्तेदी से करते देखे गये थे। जबकि लोकसभा चुनाव के चलते यह एक साथ लापरवाह आखिर क्यों हुये? वहीं ईडीसी की सील अनेक मतदाताओं के नाम के आगे लगी होना वह भी उनके जो शासकीय सेवक हैं ही नही? क्या यह चुनाव की प्रक्रिया को प्रभावित करने का तथा मतदान के प्रतिशत को घटाने का एक हिस्सा तो नहीं जैसे प्रश्र सुने जाते रहे? इसी क्रम में स्वीप प्लान को लेकर जो बात सामने आयी वह भी छपा और दिखा के अलावा कुछ और नहीं कही जा सकती यह बात अलग है कि आला अधिकारी अपनी पीठ मतदान के प्रतिशत के बडने पर थपथपायें परन्तु सच्चाई एकदम अलग बतलायी जाती है। सही मायनों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने पूर्ण निष्ठा एवं ईमानदारी से मतदाताओं को जागरूक करने एवं राष्ट्र के हित में वोट करने को जनता को प्रेरित किया। वह लगातार अपना कार्य करते रहे बिना किसी सहयोग के और परिणाम सामने था सूत्रों और जानकारों की माने तो अगर मतदाता पर्चियों का वितरण एवं लापरवाह अधिकारी कर्मचारी अपने कर्तव्य के प्रति उदासीन न होते तो मतदान का प्रतिशत कम से कम विधान सभा के आंकडों को तो छू ही लेता? खैर अब चुनाव हो चुके हैं जांच और चिंतन का दौर जारी है अपने आपको निर्दोष सिद्ध करने के लिये और दोषी करार देने के लिये जांचे चलेंगी और कुछ पर कार्यवाहियां भी होंगी पर कितनी और कैसी यह समय बतलाया गया? ज्ञात हो कि इस संबध में मतदान के दूसरे दिवस ही समाचार का प्रकाशन कर जिला निर्वाचन अधिकारी को आईना दिखलाने का प्रयास किया गया था।
वैसे बीएलओ की लापरवाहियों के समाचार के प्रकाशन पर यानि खबर का असर सामने तो समाने आया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला निर्वाचन अधिकारी स्वतंत्र कुमार सिंह के निर्देश पर निर्वाचक अधिकारी मनोज कुमार ठाकुर ने कार्यवाही प्रारंभ कर दी है। विदित हो कि लोकसभा निर्वाचन 2014 के तहत अधिकाधिक मतदान के लिये मतदाताओं को प्रेरित करने की मंशा से सभी बूथ लेवल आफिसर्स (बीएलओ) को मतदान दिवस के पहले घर-घर जाकर वोटर पर्ची बांटने का काम सौंपा गया था। कुछ बीएलओ ने अपने इस कत्र्तव्य का बड़ी निष्ठा से पालन किया। परंतु कुछ बीएलओ ने अपने इस राष्ट्रीय कत्र्तव्य के पालन में उदासीनता बरती थी । जानकारी के अनुसार ऐसे बीएलओ को इसका जवाब भी देना होगा। निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी दमोह श्री ठाकुर ने दमोह विधानसभा क्षेत्र के ऐसे सभी बीएलओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिनके विरूद्ध वोटर पर्ची न बांटने की शिकायतें मतदाताओं से मिली थीं। उन्होंने ऐसे सभी बीएलओ से 24 घण्टे के भीतर जवाब मांग कर कहा है कि बीएलओ अपना उत्तर संकुल प्राचार्य के माध्यम से मतदाता पर्ची वितरण पंजी सहित प्रस्तुत करें। समय सीमा में जवाब न देने वाले बीएलओ पर एक पक्षीय अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। इस संबंध में जारी नोटिस में निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी ने वोटर पर्ची न बांटने वाले बीएलओ से कहा है कि सभी बीएलओ को प्रशिक्षण के दौरान मतदान दिवस के पाँच दिन पहले ही घर-घर जाकर वोटर पर्ची वितरण कर इसकी रजिस्टर में विधिवत प्राप्ति रसीद प्राप्त करने को कहा गया था। परंतु मतदान दिवस के पहले एवं मतदान दिवस को भी कुछ वार्डवासियों / ग्रामवासियों / मतदाताओं द्वारा कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी एवं स्वयं निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को व्यक्तिश: दूरभाष पर यह जानकारी दी गई थी, कि उनके वार्ड/ग्राम के बीएलओ द्वारा मतदाता पर्ची / ईपिक कार्ड का वितरण नहीं किया गया।

इससे यह स्पष्ट हो गया कि कुछ बीएलओ द्वारा भारत निर्वाचन आयोग के आदेशों एवं लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 32 का उलंघन किया गया। श्री ठाकुर ने दमोह विधानसभा क्षेत्र के अधीन समस्त शासकीय हायर/हाई स्कूल शालाओं के संकुल प्राचार्यो को निर्देशित किया है कि वे संबंधित बीएलओ का उत्तर अपने अभिमत सहित निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी कार्यालय दमोह भिजवायें।