बरसाना के मंदिर में भगदड़, दो मरे

बरसाना के श्रीजी मंदिर में रविवार तड़के राधाजी के जन्म अभिषेक और मंगला आरती के दौरान भगदड़ मचने से दो श्रद्धालुओं की दम घुटने से मौके पर ही मौत हो गयी जबकि एक दर्जन से अधिक लोग भीड़ के पैरों तले आकर घायल हो गए। इस दौरान पुलिस का बर्बर चेहरा उजागर हुआ। सिपाहियों ने ने घायलों को उपचार कराने की बजाय छत पर फेंक दिया।

बरसाना के श्रीजी मंदिर में राधारानी प्राकट्य अभिषेक और मंगला आरती का समय तड़के चार बजे से पांच बजे का था। करीब चार बजे माइक पर घोषणा हुई कि श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचें। इसके बाद भीड़ मंदिर परिसर की तरफ बढ़ने लगी। करीब दस हजार की क्षमता वाले मंदिर परिसर में कई गुना लोग प्रवेश कर गए। इसी दौरान मंदिर में दर्शन बंद कर दिया गया। निकास द्वार से निकलने के लिए एक साथ भीड़ टूट पड़ी। सुरक्षाकर्मियों ने श्रद्धालुओं को धक्का देकर आगे बढ़ाने का काम शुरू कर दिया। बस यहीं व्यवस्था ध्वस्त हो गयी।

मंदिर परिसर में भगदड़ मच गई। कुसुम लता पत्नी घनश्याम डबुआ कालोनी फरीदाबाद, मालती (50) पत्नी राम दुलारे चिनैटा थाना सदर कैंट बरेली भीड़ के पैरों तले आ गयीं। वहीं आरती, सुधा शर्मा (देहरादून), प्रशांत (दिल्ली), रामकली शाहू व भुवान शाहू (मुंडाल एमपी), देवजी (अलवर), सरोज (गाजियाबाद), श्रीमती रज्जो यादव (कानपुर), अर्जुन (खंडाल बुलंदशहर), रामजीत (सोनीपत), सुमित्रा देवी (डबुआ फरीदाबाद), रेखा (एनएच टू फरीदाबाद) और विक्रम (पलवल) भी गिर गए। श्रद्धालुओं की भीड़ उनके ऊपर से निकल गयी, जिससे उन्हें चोट आई हैं।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सुरक्षा कर्मियों ने भीड़ के दबाव में जैसे-तैसे श्रद्धालुओं को निकाल कर नजदीकी मंदिर की छत पर ले जाकर पटक दिया।

श्रद्धालुओं के कुचलने की सूचना पर थानाध्यक्ष बरसाना वीपी गिरि घटना स्थल पर पहुंचे और एंबुलेंस से घायलों को लेकर स्थानीय अस्पताल पहुंचे। चिकित्सक ने कुसुमलता और मालती को मृत घोषित कर दिया। इस बीच श्रद्धालुओं ने जमकर हंगामा काटा।

नहीं थे सेक्टर मजिस्ट्रेट

घटना के समय सेक्टर मजिस्ट्रेट कमलेश कुमार यादव, सीओ मांट अंबेश त्यागी, इंस्पेक्टर सुरीर रमनपाल सिंह समेत पांच दरोगाओं की मंदिर परिसर में ड्यूटी थी। पर हादसे के वक्त इनमें से कोई भी मौजूद नहीं था। घायलों को तत्काल अस्पताल न भेजने पर श्रद्धालुओं ने प्रशासन और मंदिर प्रबंधन के खिलाफ जमकर हंगामा किया। पुलिस और मंदिर प्रबंधन अपनी लापरवाही छुपाने को सफाई देता रहा पर लोग नहीं माने।

न पहुंचा कोई वरिष्ठ अधिकारी

आश्चर्य की बात तो ये हैं कि बड़ा हादसा होने के बाद भी पुलिस और प्रशासन का कोई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा था। डयूटी पर तैनात सेक्टर मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारी भी नदारद थे।

डीएम समीर वर्मा ने बताया कि मंदिर में कोई भगदड़ नहीं मची। दोनों महिला श्रद्धालुओं की मौत भीड़ के दबाव के चलते दम घुटने से हुई है। मैंने सीसीटीवी के कैमरे की रिकार्डिग देख ली है।

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