‘बाबाओं’ ने बेच डाली कुंभ की जमीन

एलएन त्रिपाठी। सरकार जनता की गाढ़ी कमाई के अरबों रुपये कुंभ-मेले में साधन-सुविधाओं पर खर्च कर रही है। वहीं कुछ ‘बाबाओं’ ने इसे कमाई का धंधा बना डाला है। कुंभनगर में यह ‘बाबा’ सरकार से मुफ्त में प्राप्त जमीन और सुविधाओं को धड़ल्ले से बेच रहे हैं। इनमें कई बड़ी संस्थाओं के नाम शामिल हैं। यह बाबा मौनी अमावस्या की एक रात के लिए 40 हजार रुपये तक वसूल रहे हैं। मजे की बात यह है कि शिविरों और सुविधाओं की सारी बुकिंग खुलेआम इंटरनेट के माध्यम से हो रही है। ‘एकोमोडेशन एट कुंभ’ लिख कर खोजते ही सब सामने आ जाता है। इस पर बाबाओं के आश्रमों के नाम, पता, संपर्क सूत्र, फोन नंबर सब कुछ लिखा हुआ है।

कुंभ मेले के आयोजन के लिए साढ़े बारह सौ करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च की जा रही है। इस धनराशि से मेला क्षेत्र में संतों, धार्मिक कार्यो में लगी संस्थाओं को जमीन, टेंट, टॉयलेट, चहारदीवारी से लेकर फर्नीचर समेत तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। कल्पवासियों को कोई नि:शुल्क सुविधा नहीं दी जाती। तमाम संस्थाओं को मेला क्षेत्र में जमीन ही नहीं मिलती। इन स्थितियों में जिन्हें जमीन व सुविधाएं मिली हैं, उनमें से बहुतेरे उसका व्यवसायिक इस्तेमाल कर रहे हैं।

देश-विदेश में अनुयायियों की भारी संख्या रखने वाली एक विख्यात संस्था द्वारा जारी सूची से इससे होने वाली कमाई का अंदाजा लगाया जा सकता है। संस्था मौनी अमावस्या पर एक रात के लिए 19400 रुपये प्रति व्यक्ति का शुल्क वसूल रही है। एक अन्य बड़ी संस्था ने मौनी अमावस्या के लिए स्विस कॉटेज 25 हजार व यूरोपियन प्लान 15 हजार निर्धारित कर रखे हैं। देश-विदेश में अपने भारी भरकम संपर्को के लिए विख्यात एक ‘बाबा’ ने तो पूरा होटल ही कुंभ मेला क्षेत्र में खोल दिया है। इनके यहां एक रात के लिए 3000 से 3500 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से टेंट उपलब्ध हैं। यहां भोजन के लिए 500 रुपये प्रतिदिन अलग से निर्धारित है। इनके वीआइपी कॉटेज के रेट अलग हैं। वेबसाइट पर बाबाओं ने एक से बढ़कर एक सुविधासंपन्न स्विस कॉटेज प्रदर्शित कर रखी है। साथ ही शिविर परिसर में दी जाने वाली सुविधाओं की भी भारी भरकम सूची लगा रखी है। शिविरों में पाश्चात्य शौचालय व स्नानघर के साथ ही बेड, कुर्सी-मेज आदि फर्नीचर दिया जा रहा है।

प्राथमिक चिकित्सा, वाटर फिल्टर, भोजनालय, आयुर्वेदिक चिकित्सा, वाइफाइ कनेक्शन, रेस्त्रां, कपड़े धुलवाने के लिए लॉन्ड्री, एयर कंडीशनर, रूम हीटर, योग व ध्यान के लिए हाल आदि भी उपलब्ध है। प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा संचालित त्रिवेणी दर्शन व टूरिस्ट बंगलों के रेट से दस गुना अधिक दाम बाबा लोग वसूल रहे हैं।

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