दिल्ली: बारिश ने तोड़ा 71 साल का रिकॉर्ड, जगह-जगह ट्रैफिक जाम

राजधानी दिल्ली समेत एनसीआर के कई इलाकों में सोमवार रात से हो रही बारिश ने एक बार फिर से ठंड का एहसास करा दिया है। वहीं दिल्ली, फरीदाबाद और नोयडा समेत कई जगहों पर ओले भी पड़े। इस बार हुई बारिश ने 71 वर्षो का रिकार्ड तोड़ दिया। पिछले चौबीस घंटों के दौरान पचास मिमी. से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। वहीं पंजाब और हरियाणा में भी तेज बारिश होने से कई सड़कें लबालब हो गई। इसकी वजह से लोगों को जाम का सामना करना पड़ा। मौसम विभाग के मुताबिक बुधवार को भी दिल्ली समेत एनसीआर में बारिश की संभावना जताई गई है। गुरुवार को मौसम में सुधार हो सकता है लेकिन इस दौरान घना कोहरा दिल्ली और एनसीआर में छाया रहेगा।

रात से हो रही बारिश से जहां सड़कों पर पानी भर गया वहीं एनएच 24 समेत कई मार्ग जाम की चपेट में रहे। वहीं इस बारिश ने तापमान में गिरावट ला दी। जहां सोमवार को दिन का न्यूनतम तापमान 12 डिग्री से रिकार्ड किया गया, वहीं मंगलवार को न्यूनतम तापमान में एक डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। वहीं अधिकतम तापमान में करीब तीन डिग्री की गिरावट दर्ज की गई।

सोमवार को देश के मैदानी इलाकों में जहां भारी बारिश हुई वहीं पहाड़ों पर जबरदस्त बर्फबारी देखने को मिली। दिन भर ठंडी हवाएं चलीं और जाती हुई उत्तरी भारत के कई मैदानी इलाकों में भी ठंड एक बार फिर लौट आई। कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पहाड़ों पर भारी हिमपात से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। कश्मीर के रामबन जिले में बर्फीले तूफान में फंसकर एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि आठ को बचा लिया गया। जम्मू-कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने से करीब तीन सौ वाहन जहां-तहां फंस गए हैं। राजधानी दिल्ली समेत उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में भी रुक-रुककर पानी बरसने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

उमड़े बादलों ने चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री समेत तमाम चोटियों को बर्फ की सफेद चादर ओढ़ा दी। मैदानी इलाकों में ठीकठाक बारिश हुई। जोरदार बर्फबारी के चलते गढ़वाल मंडल में गंगोत्री, यमुनोत्री और बदरीनाथ राजमार्गाें समेत दर्जनों मार्गाें पर आवागमन बाधित हुआ, जबकि कुमाऊं मंडल में थल-मुनस्यारी भारी बर्फबारी से बंद हो गया है। मौसम विभाग के मुताबिक वर्षा और बर्फबारी से अभी निजात मिलने की संभावना नहीं है। यह सिलसिला मंगलवार को भी जारी रहेगा। कहीं-कहीं ओलावृष्टि की भी संभावना है।

हिमाचल प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बर्फबारी व मैदानी क्षेत्रों में बारिश का सिलसिला जारी हो गया। जनजातीय क्षेत्र किन्नौर में रविवार रात्रि से भारी हिमपात से एक बार फिर से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। राष्ट्रीय उच्च मार्ग 22 कशटल, लाल ढांक, पांगी नाला में यातायात बाधित हो गया है। जिले के अधिकतर क्षेत्रों में बिजली व पेयजल आपूर्ति बाधित हो गई। बर्फबारी के चलते कुछ जिलों में हाई अलर्ट जारी कर लोगों को घरों से बाहर न निकलने की सलाह दी गई है। कई जगहों पर स्कूल बंद कर दिए गए हैं। बर्फबारी के कारण हवाई सेवाएं भी स्थगित करनी पड़ीं। ठंडी हवाएं चलने से दिन भर लोग ठिठुरते रहे। सबसे ठंडा कल्पा रहा, जहां पारा शून्य से पांच डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया।

श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग सोमवार को यातायात के लिए बंद रहा। किसी भी वाहन को मार्ग पर चलने की अनुमति नहीं दी गई। इससे जम्मू के मुख्य बस स्टैंड में करीब तीन सौ यात्री फंस गए हैं। राजमार्ग पर सिदड़ा, नगरोटा, नंदनी, दोमेल, चिनैनी, ऊधमपुर सहित कई क्षेत्रों में करीब तीन सौ वाहन फंस गए हैं। इन वाहनों में ट्रकों की संख्या काफी ज्यादा है, जो सामान से लदे हुए हैं। दूसरी तरफ, रामबन में बर्फ का बड़ा टुकड़ा गिरने से नौ लोग उसके नीचे दब गए। मौके पर पहुंचे बचाव दल ने आठ को बचा लिया, जबकि एक की मौत हो गई।

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