कलागुरु सुमहेन्द्र की स्मृति में लघु चित्रकला शिविर का आयोजन

OLYMPUS DIGITAL CAMERAजयपुर / जयपुर की प्रसिद्ध कला सस्ंथा ‘कलावृत’, जिसकी स्थापना आज से 40 वर्ष पूर्व कलागुरु स्वर्गीय एम.के. शर्मा ‘सुमहेन्द्र’ के द्वारा की गई थी, संस्था विगत 30 वर्षों से प्रदेश में कला प्रदर्शनियां, कला शिविरों और कार्यशालाएं आयेाजित करती आ रही है।
यह शिविर कलावृत ग्रुप के संस्थापक एवं अध्यक्ष, कलागुरु ड़ा एम. के. शर्मा ‘सुमहेन्द्र’ को समर्पित किया गया है। कलावृत ने इस बार फिर राजस्थान विश्वविद्यालय के दृश्य कला विभाग के संयुक्त तत्वाधान में उसके परिसर में दिनांक 5 अक्टूबर 2015 से पांच दिवसीय शिविर का आयोजित करने जा रही है।
कलावृत के वर्तमान अध्यक्ष संदीप सुमहेन्द्र ने इसके बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ‘‘इस प्रकार के शिविर का मुख्य उद्देश्य हमारी लुप्त होती इस परम्परागत कला से युवा कलाकारों एवं कला विद्यार्थीयों को जोड़ने एवं इससे जुड़ी सूक्ष्मातिसूक्ष्म तकनीक जो मिनिएचर पेंटिंग के लिए अति आवश्यक है उसकी जानकारी विद्यार्थियों और कला के जिज्ञासुओं को मिले, जिससे कि कला और कलाकारेंा के बीच परम्परागत कला के साथ नयेपन का एहसास होता रहे और इस कला का परमपरागत एवं समसामयिक दोनों रुपों में विकास हो।
Dr. Sumahendra is creating Shiva ji's painting in his studioउन्होंने बताया कि राजस्थान विश्वविद्यालय के सहयोग से इस शिविर का आयोजन करने का मुख्य उद्देश्य़ उनके मिनिएचर के अतिरिक्त अन्य दूसरी कलाओं के छात्रों को भी परम्परागत कला और उसके तकनीक जिसमें ‘वसली’ ;मिनियेचर पेटिंग में उपयोग होने वाला विशेष प्रकार का पेपरद्ध को तैयार करने से लेकर उसमें रंग भरने और उसको रुपायित करने की तकनीक सिखाना है। इसके लिए प्रदेश के ख्याति प्राप्त कलाकार जैसे पद्मश्री एस शाकिर अली, जयशंकर शर्मा, विरेन्द्र बन्नु, शमी बन्नु, कैलाश शर्मा, दामोदर गुजर, शिवशंकर शर्मा, खुश नारायण जांगिड़, संजीव शर्मा, हरशिव शर्मा, रामवतार सोनी, गिरधर लाल खींची, मोहन लाल सोनी, नरेन्द्र सोनी, जयपुर, शंभु सिंह चोबदार, डी.पी. काबरा, अन्नु सिंह धाकड़ ;कोटाद्ध, इत्यादि प्रख्यात कलाकारों के साथ प्रदेश के युवा कलाकार एवं कला विद्यार्थी भी इस शिविर में भाग ले रहे हैं।
दृश्य कला विभाग के विभागाध्यक्ष रजत पण्डेल ने बताया कि कला के माध्यम से देश की दृश्य कला परम्पराओं को जानना, समझना ओर उससे प्रभावित हो कर समसामयिक कला के विकास के लिये युवा कलाकारों एवं कला विद्यार्थियों का उद्देश्य होना चाहिये जिससे हम अपनी परम्परागत कला को भी नये आयाम दे सके, इसी उद्देश्य को लेकर दृश्य कला विभाग इस शिविर का आयोजन कर रहा है।

संदीप सुमहेन्द्र,
94140 66866
अध्यक्ष, कलावृत

देवेन्द्र सिंह बैस,
82336 09328
सदस्य, कलावृत

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