भारत की होगी इक्कीसवीं सदी, शिक्षा नीति की रहेगी महत्ती भूमिका

मूल्य आधारित शिक्षा मुहैया करवाना है शिक्षा नीति का मूल उद््देश्य-केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्राी
महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में ‘नई शिक्षा नीति-2016’ विषयक सेमिनार आयोजित
dsc_0212बीकानेर, 17 अक्टूबर। केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट अफेयर्स राज्यमंत्राी श्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि इक्कीसवीं सदी भारत की होगी, इसमें नई शिक्षा नीति की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण रहेगी।
श्री मेघवाल सोमवार को महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के अकादमिक भवन (द्वितीय) में ‘शिक्षा नीति -2016ः मुद्दे, चुनौतियां और सुझाव’ विषयक सेमिनार के उद्घाटन सत्रा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति का ड्राफ्ट मानवता के इर्द-गिर्द घूमता है। विद्यार्थी चरित्रावान, संस्कारवान, योग्य एवं सक्षम कैसे बने, नई शिक्षा नीति में इस पर विशेष जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति का मूल उद्देश्य विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास है। यह नीति देश का भविष्य तय करने वाली होगी। इसमें भारतीय सभ्यता और संस्कृति के प्रसंग भी सम्मिलित किए जाएंगे।
केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्राी ने तात्कालीन महाराजा गंगासिंह को दूरदृष्टा और विकास पुरूष बताया तथा कहा कि उनके प्रयासों से ही पश्चिमी राजस्थान में गंगनहर आ सकी। महामना मदनमोहन मालवीय, उनके व्यक्तित्व से बेहद प्रभावित थे। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना में भी उनकी महत्त्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्राी से बीकानेर में केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना करने तथा महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में नए संकाय खोलने की मांग की।
केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्राी डॉ. महेन्द्र नाथ पांडे ने कहा कि पूरे देश को छह जोन में विभक्त करके, शिक्षा नीति के संबंध में तथ्य एकत्रित किए गए हैं। मूल्य आधारित शिक्षा, मुहैया करवाना इसका मूल उद््देश्य है। इसे समय की मांग एवं समाज की जरूरतों के आधार पर तैयार किया गया है। देश की हजारों वर्षों की परम्पराओं एवं ऋषि-मुनियांे द्वारा स्थापित प्रतिमानों को भी सम्मिलित किया गया है, जिससे देश में प्राच्य संस्कृति की अवधारणा के साथ शोध के क्षेत्रा मे भी नए आयाम स्थापित हों।
डॉ. पांडे ने कहा कि महाराजा गंगासिंह, शिक्षा के प्रति समर्पित थे। वे पांच बार बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति चुने गए। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में महाराजा गंगासिंह की ‘चेयर’ पुनर्स्थापित करवाने का भरोसा दिलाया। साथ ही बीकानेर में केन्द्रीय विद्यालय स्थापित करने तथा विश्वविद्यालय में नए संकाय स्थापित करने का विश्वास दिलाया। उन्होंने बीकानेर सांसद द्वारा स्थापित सांसद सेवा केन्द्र को आमजन की सेवा का अभिनव प्रयोग बताया।
स्कूल ऑफ ट्रांसलेशन स्ट्डीज एण्ड ट्रेनिंग, इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के निदेशक प्रो. अवधेश कुमार सिंह ने मुख्यवक्ता के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि बीसवीं सदी में शैक्षणिक उन्नयन में डॉ. राधा कृष्णन और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। आज एक ऐसी नीति की जरूरत है, जो युवाओं को नई दिशा प्रदान करें। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में सरकार के साथ, अध्यापकों की भूमिका भी महत्त्वपूर्ण रहेगी।
अध्यक्षता करते हुए कुलपति डॉ. चंद्रकला पाडिया ने कहा कि सामाजिक समानता स्थापित करने में शिक्षा की भूमिका अत्यंत प्रभावी होती है। नई शिक्षा नीति में उद्यमिता एवं कौशल प्रशिक्षण पर विशेष बल दिया गया है। उन्होंने आगंतुकों का आभार जताया। इससे पहले अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर सेमिनार का विधिवत शुभारम्भ किया। इस अवसर पर याद करो कुर्बानी सहित विभिन्न पुस्तकों का विमोचन किया गया।
सेमिनार में महापौर नारायण चौपड़ा, प्रधान राधा देवी सियाग, नंद किशोर सोलंकी, डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य, सहीराम दुसाद, कुलसचिव यशवंत भाकर, डीआरडीओ के पूर्व निदेशक डॉ. एच. पी. व्यास, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष विमल प्रसाद अग्रवाल, सहायक निदेशक (कॉलेज शिक्षा) दिग्विजय सिंह, उप कुल सचिव डॉ. बिट्ठल बिस्सा, छात्रा संघ अध्यक्ष विक्रम सिंह राठौड़, महासचिव हितेश ओझा, संयुक्त सचिव भावना सहित विश्वविद्यालय स्टाफ, विभिन्न महाविद्यालयों के प्रतिनिधि, विद्यार्थी एंव गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
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पंचायत शिविरों से पूर्व कर ली जाए तैयारी
बीकानेर, 17 अक्टूबर। जिला कलक्टर वेदप्रकाश ने समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों को पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन कल्याण पंचायत शिविरों से पूर्व समस्त तैयारियों को अंतिम रूप देने के निर्देश दिए हैं।
जिला कलक्टर ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार पिछले तीन वर्षों में किए गए समस्त कार्यों का वर्षवार प्रतिवेदन तैयार कर, पंचायत शिविर के दौरान सक्षम अधिकारी की उपस्थिति में इसे पढ़ा जाएगा, जिससे राज्य सरकार की उपलब्धियों की जानकारी आमजन तक पहुंच सकंे। उन्होंने बताया कि शिविरों में किसी भी विभाग की तीन वर्षों में योजनावार करवाए गए कार्यों की उपलब्धियों का ब्यौरा उपलब्ध न होने पर सम्बंधित जिला स्तरीय व ब्लॉक स्तरीय अधिकरी जिम्मेवार होंगे व उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
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डॉ. साहिल को मिला एम. चन्नारेड्डी अवार्ड
बीकानेर 17 अक्टूबर। सरदार पटेल आयुर्विज्ञान महाविद्यालय, बीकानेर के मेडिसिन विभाग के तृतीय वर्ष के छात्रा डॉ. साहिल को राजस्थान एसोसियेशन ऑफ फिजिशियन (राजऐपीकोन) के ‘बेस्ट साईन्टिफिक‘ पेपर के लिये एम. चन्नारेड्डी अवार्ड दिया गया।
महाविद्यालय के प्रधानाचार्य एवं नियंत्राक डॉ. आर. पी. अग्रवाल ने बताया कि डॉ. साहिल ने जोधपुर में 15 एवं 16 अक्टूबर को आयोजित राजस्थान एसोसियेशन ऑफ फिजिशियन (राज ऐपीकोन) में भाग लिया, जहां अवार्ड के तहत डॉ. साहिल को एक हजार रूपये नकद एवं गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। एम. चन्नारेड्डी अवार्ड के लिए प्रदेश में पी.जी. मेडिसिन में अध्ययनरत 24 छात्रों ने भाग लिया।
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गाडिया लुहारों को भवन निर्माण एवं स्वरोजगार के लिए मिलेगी सहायता
बीकानेर,17 अक्टूबर। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने गाडिया लुहारों को स्थाई आवास की सुविधा उपलब्ध करवाने तथा स्वरोजगार के लिए योजना आरम्भ की है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक लीलाधर पंवार ने बताया कि इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा गाडिया लुहारों को भवन निर्माण हेतु अनुदान दिया जाता है। इसके तहत तीन किश्तो में 70 हजार रूपये दिए जाने का प्रावधान है तथा गाडिया लुहारों को स्वरोजगार स्थापित करने के लिए कच्चा माल क्रय हेतु पांच हजार रूपये प्रति परिवार दिये जाने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि आवेदन पत्रा के साथ प्रमाण पत्रा जिसमें लुहारगिरी का कार्य करना अंकित हो तथा कच्चे माल का कोटेशन संलग्न कर विभाग के जिला कार्यालय में प्रस्तुत करना होगा। आवास निर्माण के लिए वह गाड़िया लुहार परिवार जिस परिवार (पति/पत्नी) के पास में स्वयं का पक्का मकान नहीं है लेकिन उनके पास भूमि का नियमानुसार पट्टा है।
आवेदन पत्रों के साथ जाति प्रमाण पत्रा एवं अन्य प्रमाण पत्रा प्रस्तुत करने होगे। आवेदन पत्रा उपनिदेशक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, चौपड़ा कटला, रानी बाजार, बीकानेर में स्थित कार्यालय को प्रस्तुत किया जा सकता है।

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