‘कथारंग’ का हुआ जन-अनावरण’

धरणीधर पर बीकानेर साहित्य महोत्सव में रचा इतिहास

DSC_0429बीकानेर 25/2/17 । बीकानेर में जन साधारण साहित्य-पाठकों ने शनिवार को धरणीधर रंगमंच पर एक इतिहास रच दिया। ऐसा पहली बार हुआ जब आम जन ने किसी कृति का अनावरण किया। जनार्पण की इस प्रक्रिया में शामिल 300 से अधिक लोगों ने किताब को खरीदा और जन-अनावरण किया। बीकानेर साहित्य महोत्सव में मेहनत और लगन से व्यावसायिक ऊंचाइयां छूने वाले लोगों के जीवन-संघर्ष पर आधारित कृति ‘हुनर और हौसले की कहानियां’ का भी जन-अनावरण हुआ। हर वर्ष बीकानेर साहित्य महोत्सव आयोजित करने का भी घोषणा की गई।
150 कहानीकारों का सम्मान किया गया। विभिन्न सौपानों में रंगे उत्सव के एक चरण में काव्य-जुगलबंदी का आयोजन भी किया गया जिसमें कवि-शायर राजेश विद्रोही और आनंद वि.आचार्य ने अपनी काव्य रचनाओं से रंग जमाया। कवियों को वरिष्ठ साहित्यकार भवानीशंकर व्यास विनोद और लक्ष्मीनारायण रंगा ने स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। सम्मान सत्र में मुख्य अतिथि पंचायत राज मंत्री राजेंद्रसिंह राठौड़ ने कहा कि कहानियां हमारे जन-जीवन से जुड़ी हुई है। बचपन से ही हमें कहानियों से माध्यम से ही सीख और समझ मिलती है। उन्होंने कहा कि बीकानेर में 150 रचनाकारों की कहानियां का संग्रह अपने आप में अनूठा प्रयास है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बीकानेर विधायक (पश्चिम) डॉ.गोपाल जोशी ने कहा कथारंग जैसे प्रयास सम-सामयिक हैं। बीकानेर साहित्य महोत्सव के माध्यम से जन तक सृजन पहुंचाने का जो लक्ष्य लिया गया है, वह प्रासंगिक है। जो लिखा जा रहा है, उसे पाठक भी मिलने चाहिए। जनार्पण सत्र के मुख्य अतिथि कविता कोश के संस्थापक सचिव ललित कुमार को भी सम्मानित किया गया।
उन्होंने भाषा से कटते बच्चों की स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि आज के समय में भाषा के साथ हो रहे दुव्र्यवहार को बचाना बेहद जरूरी है। ललित कुमार ने बताया कि कविता कोश और गद्य कोश के माध्यम से वैश्विक स्तर पर साहित्य को प्रसारित करने का काम किया जा रहा है, इसी तरह से कथारंग का भी एक प्रयास है और इस तरह के प्रयासों से भाषा और साहित्य ही नहीं समाज का भी हित होगा।
विशिष्ट अतिथि व्यवसायी कन्हैयालाल बोथरा ने कहा कि कहानी की किताब के साथ व्यवसायियों के जीवन-संघर्ष पर आधारित यह किताब भी एक मील का पत्थर साबित होगी और युवा पीढ़ी के लिए प्रेरक किताब साबित होगी।
अध्यक्षता करते हुए समाजसेवी रामकिसन आचार्य ने इस बात पर चिंता जताई कि बहुत सारे साहित्यकारों का सृजन प्रकाश में नहीं आ पाता है। उन्होंने कहा कि किसी भी लेखक का सृजन प्रकाशित हुए बगैर नहीं रहना चाहिए। ऐसे समय में कथारंग का प्रकाशन एक आशा जगाता है।
स्वागताध्यक्ष वरिष्ठ रंगकर्मी-पत्रकार मधु आचार्य ‘आशावादी’ ने कहा कि कथारंग में दूसरी बार प्रकाशित कहानीकार इस बात के लिए आश्वस्त करते हैं कि उन्होंने कहानी विधा को पूरे मन से स्वीकार किया है। संचालन इंज्लिश गुरु किशोरसिंह राजपुरोहित ने किया। इस मौके पर वरिष्ठ साहित्यकार भवानीशंकर व्यास ‘विनोद’, श्रीलाल जोशी, शिवराज छंगाणी, डॉ.उमाकांत, डॉ.मोहम्मद हुसैन सुचित्रा कश्यप व डॉ.ब्रजरतन जोशी को सम्मानित किया गया।

उत्सव के संयोजक हरीश बी.शर्मा ने अपनी खुशी यूं व्यक्त की – पाठक संस्कृति को तब ही बल मिलेगा जब साहित्य को खरीदकर पढ़ा जाएगा, इससे लेखक की भी जवाबदेही बढ़ेगी।

दोनों कृतियों में यह है पहली बार :-
गायत्री प्रकाशन की ओर प्रकाशित ‘कथारंग’ में बीकानेर शहर के 150 कहानीकारों की रचनाएं हैं जिनमें से 56 महिलाएं हैं। इस संग्रह में 1931 से 1998 की अवधि के बीच में जन्मे कहानीकार हैं। किसी निर्धारित भौगोलिक सीमा में रहने वाले कहानीकारों का संभवतया यह पहला संकलन है। इससे पहले भी बीकानेर से ही 75 कहानीकारों का संकलन कथारंग के रूप में प्रकाशित हो चुका है। दोनों के ही संपादक हरीश बी. शर्मा हैं।
‘हुनर और हौसले की कहानियां’ बीकानेर के बिजनस-प्रोफेशनल्स की जीवन-संघर्ष पर आधारित कृति है। यह किताब युवाओं के लिए प्रेरणा का काम करेगी। इस किताब के माध्यम से यह बताने की कोशिश की गई है कि सफलता का सूत्र तलाशने के लिए कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं है, यहां भी ऐसे-ऐसे लोग हैं कि मार्गदर्शन दे सकते हैं।
– मोहन थानवी

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