अन्नपूर्णा दूध योजना से जिले के 1 लाख 91 हजार विद्यार्थी होंगे लाभान्वित

2 जुलाई से शुरू होगी योजना, तैयारियां पूर्ण करने के निर्देश
बीकानेर, 27 जून। राज्य सरकार द्वारा 2 जुलाई से प्रारम्भ की जा रही अन्नपूर्णा दूध योजना से जिले के 1 लाख 91 हजार 621 विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। जिला कलक्टर डाॅ एन के गुप्ता ने बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला निष्पादन समिति की समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी।
डाॅ गुप्ता ने बताया कि योजना के तहत पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को दूध उपलब्ध करवाया जाएगा। इसमें जिले के ग्रामीण क्षेत्र के 1 लाख 72 हजार 839 तथा शहरी क्षेत्र के 18 हजार 782 विद्यार्थी शािमल है। उन्होंने बताया कि योजना का उद्देश्य राजकीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के पोषण स्तर पर वृद्धि, सूक्ष्म पोषक तत्व उपलब्ध करवाना व ड्राॅप आउट को रोकना है। योजना के तहत कक्षा पहली से 5 तक के बच्चों को 150 एमएल व कक्षा 6 से 8 तक बच्चों को 200 एमएल दूध उपलब्ध करवाया जाएगा।
जिला कलक्टर ने योजना की तैयारियों की समीक्षा करते हुए 2 जुलाई से पूर्व इंतजाम पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि योजना के तहत सरस बूथ, दुग्ध सहकारी समितियां, स्वयं सहायता समूहों तथा निजी डेयरियों से लिखित अनुबंध कर गुणवत्ता पूर्ण दूध की व्यवस्था की जाए तथा निजी स्रोत से दूध की व्यवस्था करने वाली स्कूलें निजी डेयरी से स्पष्ट अनुबंध की रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
जिला कलक्टर ने बताया कि योजना के शुभारम्भ का जिला स्तरीय कार्यक्रम 2 जुलाई को महारानी सुदर्शन उच्च माध्यमिक बालिका विद्यालय में प्रातः 8.30 बजे आयोजित किया जाएगा। इसी क्रम में तहसील स्तर पर भी शुभारम्भ समारोह आयोजित किया जाएगा।
जिला कलक्टर ने मिड डे मील योजना के तहत जिले की विभिन्न स्कूलों में रसोई निर्माण की स्वीकृति, पूर्ण और प्रगतिरत कार्यों की सूची 15 जुलाई तक उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नाम्र्स के अनुसार मिड डे मील सामग्री नहीं मिलने की स्थिति में इसकी जानकारी तुरंत प्रभाव से डीईओ (प्रारम्भिक) को दी जाए।

रमसा के प्रगतिरत कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश
जिला कलक्टर की अध्यक्षता में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद की समीक्षा बैठक भी आयोजित की गई। बैठक में डाॅ गुप्ता ने रमसा के तहत स्कूलों में निर्माण कार्य, आदर्श विद्यालय, उत्कृष्ट विद्यालय, व्यावसायिक शिक्षा, विवेकानंद माॅडल स्कूल, शारदे आवासीय विद्यालय सहित विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा की।
जिला कलक्टर ने कहा कि रमसा के तहत कक्षा-कक्ष, लैब आदि से सम्बंधित स्वीकृत निर्माण कार्य शीघ्र प्रारम्भ किये जाएं। साथ ही प्रगतिरत निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए समयबद्ध रूप से पूर्ण करवाए जाएं। बैठक में बताया गया कि नाबार्ड के तहत मार्च 2018 तक स्वीकृत सभी कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं। मार्च 2018 के बाद नाबार्ड प्रथम फेज के तहत 34 में से 25 कार्य प्रगतिरत है। जिला कलक्टर ने आदर्श विद्यालय योजना के तहत बी स्तर पर आ रही स्कूलों पर विशेष ध्यान देते हुए उन्हें ए स्तर पर लाने के प्रयास तेज करने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने कहा कि इसके लिए अधिकारी नियमित रूप से इन स्कूलों का निरीक्षण करें।

शामिल हो इलेक्ट्रीशियन, प्लेम्बर जैसे नए पाठ्यक्रम
जिला कलक्टर ने कहा कि व्यावसायिक शिक्षा के तहत इलेक्ट्रीशियन, प्लेम्बर जैसे नए पाठ्यक्रम शामिल करवाने के प्रस्ताव भिजवाए जाएं। साथ ही पाठ्यक्रम पूर्ण करने के पश्चात रोजगार से जुड़ने वाले विद्यार्थियों की भी सूची तैयार करें। बैठक में बताया गया कि वर्तमान में जिले में 21 स्कूलों में आईटी, आॅटोमोबाइल, एग्रीकल्चर, हेल्थकेयर जैसे विषयों में व्यावसायिक शिक्षा दी जा रही है।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) यशवंत भाकर, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद अजीत सिंह राजावत, जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक) उमाशंकर किराडू़, एडीईओ (सैकेण्डरी) सुनील बोड़ा, रमसा से हेतराम सारण, सुंदरलाल गोदारा, सहित विभिन्न अधिकारी उपस्थित थे।

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