वैसे तो रंगों का त्यौहार होली भारतीय संस्कृति के लिहाज से दुनिया भर में अपनी अलग पहचान रखती है लेकिन भारत के अलग अलग हिस्सों में होली का त्यौहार माने के अलग अलग तरीके हैं । बहुतायत तो होली अबीर और गुलाल जैसे विभिन्न रंगों से खले जाने वाला मुख्य त्यौहार है लेकिन भारत के विभिन्न हिस्सों में इसे अन्य तरीकों से भी मनाया जाता है जिसमे बृज की होली, लठमार होली जैसे कई रूप होली के हैं कई जगह होली घिंदड़ नृत्य और कई जगह घूमर के खेली जाती है । इन सबमे हटकर है डीडवाना की होली । डीडवाना जहाँ प्राचीन समय से दो तरीकों से होली मनाई जाती है और दोनों ही तरीके देश भर में सबसे अलग है । डोलची मार या हाकम की राज गेर तथा माली समाज की स्वांग गेर ।

स्थानीय माली समाज द्वारा निकाली जाने वाली स्वांग गैर देश भर में अपने अनूठे तरीके के लिए जानी जाती है। अलग स्वांग बनाकर निकलने वाली सेंकडों युवाओं की टोलियाँ सब को अपनी और आकर्षित करती है। विचित्र वेश भूषाओं के कारण इसकी तुलना ब्राजील के कार्निवाल से भी की जाती है। इस बार आप भी देखना न भूले डीडवाना की होली गैर जो होली के दुसरे दिन यानि छारंडी को विशेष होती है।
-हनु तंवर नि:शब्द