देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति से शहीदों को नमन करेंगे बच्चे




सीहोर । शहीद सिपाही बहादुर स्मारक समाधी स्थल सैकड़ाखेड़ी मार्ग पर 14 जनवरी बुधवार को श्रद्धांजली समारोह का आयोजन किया गया है। स्वतंञता संग्राम सैनानियों की उपस्थिति में होने जा रहे इस आयोजन में बड़ी संख्या में नागरिकों से उपस्थित होने की अपील विभिन्न संगठनों और समाजसेवियों ने की है।
प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी सैकड़ाखेड़ी मार्ग स्थित शहीदों के समाधी स्थल पर पुष्पांजली का आयोजन किया जा रहा है। नगर पालिका सीहोर द्वारा यहाँ सभी व्यवस्था करते हुए टेंट-दरी के साथ ही आवागमन मार्ग को व्यवस्थित कराया गया है। शहीद सिपाही बहादुर स्मारक निर्माण समिति और बसंत उत्सव आयोजन समिति के आव्हान पर इस वर्ष अनेक स्वयंसेवी संस्थाएं तथा अनेक शिक्षण संस्थाएं भी आयोजन में सम्मिलित होंगी। संगीतिका संगीत महाविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा यहॉ देशभक्ति गीतों के माध्यमसे शहीदों को नमन किया जायेगा ।
ज्ञातव्य है कि १८५७-१८५८ के भारतीय इतिहास के प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन में सीहोर के क्रांतिकारियों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और सीहोर को अंग्रेजों से स्वतंत्र कराकर पहली समानांतर सरकार सिपाही बहादुर की स्थापना की थी। क्रांतिकारी हवलदार महावीर कोठ के नेतृत्व में वलि शाह, सूबेदार रमजूलाल, आरिफ शाह, लक्ष्मण पाण्डे, रामप्रसाद, देवीदीन, शिवचरण जैसे क्रांतिकारियों ने सीहोर को अंग्रेजो से मुक्त कर दिया था। इन्ही सैकड़ो देशभक्त क्रांतिकारियों को बिना किसी नियमित जांच के १४ जनवरी १८५८ को जनरल ह्यूरोज की अंग्रेज सैना ने टुकडिय़ों में खड़ाकर इनके सीनों को गोलियों से छलनी कर दिया था। इस विशाल नरसंहार में करीब ३५६ से अधिक क्रांतिकारी शहीद हुए थे। जिनकी समाधियां सैकड़ाखेड़ी मार्ग पर सीवन नदी के कि नारे पर अब भी बनी हुई हैं।
शहीद सिपाही बहादुर स्मारक निर्माण समिति के आव्हान पर इस वर्ष १४ जनवरी सोमवार को प्रात: १०.30 बजे श्रद्धांजली सभा का आयोजन किया गया है जिसमें नगर के देशभक्त नागरिकों से बड़ी संख्या में उपस्थित होने की अपील की गई है।
ओमदीप
शहीद समाधी स्थल निर्माण समिति
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