बाल विवाह के खिलाफ जंग

vlcsnap-2015-04-22-09h44m42s178vlcsnap-2015-04-22-09h58m32s70राजस्थान के टोंक जिले की रहने वाली रोशनी बैरवा ने अपने नाम को चरितार्थ करते हुए ना केवल खुद का जीवन रोशन किया…… बल्कि अपनी जैसी कई मासूम लड़कियों की जिंदगी भी रोशन कर दी…..अब रोशनी एक मिसाल बन गई है। पेश है बाल विवाह के खिलाफ रोशनी की जंग पर टोंक से पुरुषोत्तम जोशी की स्पेशल रिपोर्ट ।
उस वक्त रोशनी की उम्र महज 14 साल थी…..जब रोशनी ने खुद अपना बाल विवाह रुकवाया और बाल विवाह की सामाजिक कुरीती के खिलाफ जंग का ऐलान किया था। अब रोशनी पिछले सात साल से बाल विवाह की कुरीति से लड़ रही है और अपने नाम को चरितार्थ करते हुए कई मासूमों की जिंदगी में रोशनी कर रही है…..और अब तक कई बाल विवाह रूकवाने में सफलता हासिल की है…..रोशनी ने बाल विवाह की कुरीती के खिलाफ वहां जंग छेड़ी ….जहां इस सामाजिक बुराई की जड़े सबसे गहरी थी….संयुक्त राष्ट्र संघ के एक सर्वे के मुताबिक बाल विवाह के मामले में राजस्थान पूरी दुनिया में दूसरे स्थान पर है….राजस्थान में बाल विवाह का आलम ये है कि कई बार तो जब बच्चा मां का दूध पी रहा होता है तभी उसकी शादी हो जाती है।
रोशनी की खुद की जिंदगी संघर्षों से भरी रही है…इसके बावजूद रोशनी ने कभी हार नहीं मानी । दो साल की उम्र में ही उसकी मां का साथ छूट गया था और बचपन में ही उसके पिता का निधन हो गया था। जयपुर से 85 किमी दूर स्थित मोहम्मद नगर की ढ़ाणी में दादा-दादी ने उसकी परवरिश की। मगर, साल 2008 में जब रोशनी के चाचा उसकी शादी करना चाहते थे, तो उसने इसका विरोध किया। रोशनी ने साहस जुटा कर अपनी शिक्षिका, सरपंच और अन्य लोगों को बताया कि परिवार के लोग उसकी मर्जी के खिलाफ उसकी शादी करना चाहते है…..वो सब लोग रोशनी के घर गए और काफी मशक्कत के बाद आखिरकार उसके परिजनों को रोशनी का बाल विवाह नहीं करने के लिए मना लिया। लेकिन रोशनी की तकलीफ यहीं खत्वेम नही हुई….रोशनी ने शादी नही की तो, जब वो बी.ए अंतिम वर्ष में थी तभी परिजनों उसे पढ़ाई का खर्चा देना बंद कर दिया। हालांकि दलित समाज के कुछ लोग रोशनी की मदद को आगे आए और उसकी वित्तीय मदद की……वहीं, शादी से इन्कार करने पर दलित समाज के ही कई लोग उसके दुश्मन बन गए।

बाल विवाह के खिलाफ रोशनी की मुहिम में उसकी मदद करने आगे आया….रानौली का एक एनजीओ जिसमें रोशनी की आगे की पढ़ाई में उसकी मदद की ….और बाल विवाह के खिलाफ जंग में रोशनी का भरपूर सहयोग किया….अब इस जंग में रोशनी अकेली नहीं है बल्कि कई लड़कियां उसके साथ हैं। रोशनी की सहयोगी गीता सैनी बताती है कि जब रोशनी पहली बार मुझसे मिली ओर मुझे बताया कि मैन अपनी खुद की शादी रूकवाई है और अब आपकी शादी रूकवाने आई हु तो मुझे हैरत हुई और मै अपने गांव में निकल पड़ी रोशनी के साथ बाल विवाह रूकवाने और लोगों को जागरूक करने साथ ही टोंक के रानोली संचालित शिव शिक्षा समिति एनजीओं के प्रतिनिधि सीताराम शर्मा बताते है कि जब रोशनी के बारे में पता चला कि पिता नहीं है और मां ने भी दूसरी शादी कर ली और अब बुजुर्ग दादी के पास रह रही है और इसकी पढ़ाई करने दृढ इच्छा है तो इसका सहयोग जो हो सका हम कर रहे है…साथ ही रोशनी के साथ मिल कर सामाजिक कुरूती बाल विवाह के बढ़ते ग्राफ को थोड़ा कम करने की कोशिश कर रहे है ताकि बच्चों का बचपन खत्म नहीं हो और जीवन खुशहाल हो सके।
अब रोशनी गांव-गांव जाकर जागृति रथ के माध्यम से बालविवाह के खिलाफ अलख जगा रही है, ओर लोगों को बाल विवाह के दुष्परिणाम बता कर ….इस कुरीती को खत्म करने का संदेश दे रही है । इस पहल का असर ये हुआ कि कई गांवों की लड़कियां रोशनी की मुहिम में शामिल हो गई है। ऐसी ही बालिका से हम मिले जिसका नाम मैना साहू है उसने बताया कि रोशनी हमारे गांव पहुंची और चौपाल लगा हमे बाल विवाह को लेकर जानकारी बताई साथ इससे होने वाले दुष्प्रभावों को लेकर बताया तो हमने निश्चय किया कि ना हम छोटी उम्र में शादी करेंगे ना ही किसी परिजन को करने देंगे अगर समझाइश से नहीं मानेंगे तो हम भी रोशनी की तरह आवाज उठाएंगे और प्रशासन को शिकायत करेंगे।

पुरूषोत्तम जोशी
पुरूषोत्तम जोशी

रोशनी ने बाल विवाह की कुरीती को खत्म करने के लिए मशाल उठाई…कई संगठनों ने उसकी मदद भी की…और उसका हौसला बढ़ाया….लेकिन कभी सरकार ने रोशनी की पीठ थपथपाई और ना कभी उसकी सुध नहीं ली। इससे रोशनी निराश है….हालांकि अब रोशनी बाल विवाह के खिलाफ एक मिसाल बन गई है और हम सबको रोशनी पर गर्व है।

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