नाक में उंगली डाल कर साफ़ करना है नकसीर का मुख्य कारण
नाक में जमी चिकनाई जो हवा व गर्मी के असर से सूख कर सख्त हो जाती उसे बार बार ऊँगली डाल कर कुचरने से नाक तो एक बारगी साफ़ हो जाती है लेकिन उसकी अंदरूनी त्वचा जो मुलायम व नाज़ुक होती है वहन घाव हो जाते हैं, जिनमे वापस चिनाई इकठ्ठा हो कर सूखती रहती है. याने वो जगह एक तरह का छोटा खड्डा हो जाता है, जिसमे सूखा हुआ म्यूकस जब सिकुड़ने लगता है तो मन को ऊँगली डाल कर साफ़ करने को उकसाता है.
उंगली से नाक साफ़ करने से ऊँगली तो गन्दी होती ही है, आस पास भी गन्दगी फैलती है व देखने वालों को भी घिन्न आती है. बड़ों को ऐसा करते देख बच्चे भी यही विधि दोहराते हैं, जिनके नाक की अंदरूनी मेम्ब्रेन तो अत्यंत नाज़ुक होती है और उंगली के छूने मात्र से ही ब्लीडिंग शुरू कर देती है.
वैसे तो नकसीर के अन्य कई कारण भी हैं जिन्हें समझना जन साधारण के लिए उपयोगी नहीं है फिर भी ब्लड प्रेशर व अन्य कारण से कभी कभी खून का रिसाव रोकना संभव नहीं होता है तो ऐसी स्थिति में तुरंत नजदीकी अस्पताल या चिकित्सक के चले जाना चाहिए.
उपाय
1. नाक को हर २-३ घंटे में अन्दर से गीला करके सूखे म्यूकस को बाहर सिनक देना चाहिए, उंगली से तो कभी भी साफ़ नहीं करना चाहिए.
2. ब्लीडिंग होने पर ठंडा पानी, बर्फ लगा कर कुछ क्षणों के लिए उस जगह को दबा कर रखना चाहिए.
3. रूई को साफ़ पानी, सलाइन या एड्रेनैलिन में भिगो कर, निचोड़कर इसकी पेकिंग करनी चाहिए.
4. चिकित्कीय सलाह हेतु प्रस्थान की तैय्यारी रखनी चाहिए.
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