जितने समय में पृथ्वी सूर्य के चारों ओर एक चक्कर लगाती है उस अवधि को “सौर वर्ष” कहते हैं। पृथ्वी का गोलाई में सूर्य के चारों ओर घूमना “क्रान्तिचक्र” कहलाता है। इस परिधि चक्र को बाँटकर बारह राशियाँ बनी हैं। सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना “संक्रान्ति” कहलाता है। इसी लिये सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने को “मकर संक्रान्ति”कहते हैं। मकर संक्रांति माघ माह में आती है | संस्कृत में मघ शब्द से माघ निकला है। मघ शब्द का अर्थ होता है-धन,सोना-चांदी,कपड़ा,आभूषण आदि इसीलिये इन वस्तुओं के दान आदि के लिए ही माघ माह उपयुक्त है। ईसी वजह से मकर सक्रांति को माघी संक्रांति भी कहते है।
सूर्य के उत्तरायण होने का पर्व– मकर सक्रांति
जितने समय में पृथ्वी सूर्य के चारों ओर एक चक्कर लगाती है उस अवधि को “सौर वर्ष” कहते हैं। पृथ्वी का गोलाई में सूर्य के चारों ओर घूमना “क्रान्तिचक्र” कहलाता है। इस परिधि चक्र को बाँटकर बारह राशियाँ बनी हैं। सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना “संक्रान्ति” कहलाता है। इसी लिये सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने को “मकर संक्रान्ति”कहते हैं।
सकलंककर्ता एवं प्रस्तुतिकरण—डॉ. जे.के गर्ग
सन्दर्भ—विभिन्न पत्र-पत्रिकायें, मेरी डायरी के पन्ने आदि
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