भ्रष्ट तरीके से कमाई गई संपत्ति को जब्त करने का कानून राजस्थान में शीघ्र लागू होगा। भ्रष्ट तरीकों से सम्पत्ति बनाने वाले लोकसेवकों की अब खैर नहीं। भ्रष्टाचार के जरिये काली कमाई को जब्त करने का कानून जल्द लागू होगा, जिसके दायरे में सरकार से वेतन लेने वाले चपरासी एवं अफसर से लेकर मुख्यमंत्री और न्यायिक अधिकारी तक शामिल है। विधानसभा से पारित राजस्थान विशेष न्यायालय बिल को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने पिछले दिनों मंजूरी दे दी है। विधानसभा ने इसी वर्ष 12 अप्रैल को यह विधेयक पारित किया था। अगले सप्ताह तक इसका राजपत्र जारी किया जाएगा। विस्तृत नियम उसके बाद जारी होंगे। इसके बाद ही यह खुलासा होगा कि इसके दायरे में भ्रष्टाचार के पुराने मामले आएंगे या नहीं।
ओडिशा और मध्यप्रदेश में ऐसा कानून पहले से है। ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए इस विधेयक में दो विशेष न्यायालय बनाने का प्रावधान है। ये जयपुर और जोधपुर में खोले जाएंगे। कोर्ट में डीजे या एडीजे स्तर के न्यायिक अधिकारी होंगे और उनका नियंत्रण हाईकोर्ट के पास रहेगा। ऐसे मामलों में एक साल में फैसलों के लिए विशेष कोर्ट की स्थापना के साथ ही मुकदमा दर्ज होने पर संपत्ति का बेचान या हस्तांतरण अवैध माने जाने के प्रावधान किए गए है। कानून में प्रावधान किया गया है कि बाजार दर से होगा जब्त संपत्ति का आकलन और विशेष परिस्थिति में ही हाईकोर्ट देगा स्टे, वह भी अधिकतम 3 महीने के लिए। अगर आरोपी बरी हुआ तो उसे जब्त संपत्ति मय ब्याज वापस मिलेगी।