केजरीवाल पर अन्ना की बोलती बंद

Anna-hazare 450अन्ना हजारे ने दिल्ली में नयी सरकार बनाने के अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी (आप) के फैसले पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और बस इतना कहा कि जब उनके पूर्व सहयोगी लोकायुक्त मुद्दे पर कुछ करेंगे, तब वह अपनी राय व्यक्त करेंगे। आप के अगली सरकार बनाने की घोषणा के बारे में पूछा गया, तब उन्होंने कहा, ”मैं बोलता हूं, केजरीवाल पर नो कमेंट। कोई बात नहीं करना है।ÓÓ जब उनसे केजरीवाल की पार्टी द्वारा बाहर से कांग्रेस का समर्थन लेने के बारे में पूछा गया तब उन्होंने कहा, ”जो भी अच्छा हो, उसे करने दीजिए…जो भी ठीक होगा, वह करेगा।ÓÓ जब उनसे पूछा गया कि क्या केजरीवाल का कदम नैतिक है, उन्होंने कहा, ”मैं बात नहीं करना चाहता….. अभी पता नहीं ना, वो क्या करने वाले हैं।ÓÓ दिल्ली में नयी सरकार द्वारा लोकायुक्त फैसले लागू करने के बारे में सवाल करने पर उन्होंने कहा, ”जब वह यह निर्णय लेंगे तब मैं बोलूंगा।ÓÓ
केजरीवाल के बारे में अन्ना के इस रवैये पर सभी भौचक्क हैं। क्या कोई अपने ही आंदोलन से उपजी संतान से विमुख हो सकता है? क्या अरविंद के राजनीतिक पार्टी बनाने के निर्णय का विरोध करने के बाद उनके सत्ता की सीढ़ी पर चढ़ जाने को अन्ना पचा नहीं पा रहे? कहीं उन्हें ये तो नहीं लग रहा कि वे समय पर उचित निर्णय नहीं ले पाए, जबकि केजरीवाल ने एक कदम आगे बढ़ते हुए वह कर दिखाया, जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था? जो कुछ भी हो, मगर आज अन्ना की बोलती बंद है, जबकि केजरीवाल सत्ता हासिल करने के बाद दिल्ली में हुंकार भर रहे हैं।
ज्ञातव्य है कि केजरीवाल के राजनीतिक दल बनाने का फैसला करने पर हजारे ने उनसे अपना रास्ता अलग कर लिया था। गांधीवादी कार्यकर्ता और आप संयोजक के बीच तल्ख संबंध इस हद तक जा पहुंचे जब हाल ही में हजारे ने आप नेता गोपाल राय को अपने उपवास स्थल से चले जाने को कहा था। दरअसल राय हजारे के उपवास स्थल पर पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह से उलझ गए थे। वीके सिंह ने हजारे का साथ छोडऩे और राजनीतिक दल बनाने को लेकर केजरीवाल एवं अन्य की आलोचना की थी। आप ने राय को तुरंत हजारे के उपवास स्थल से बुला लिया था। हजारे ने 18 दिसंबर को संसद से लोकपाल विधायक पारित होने पर अपना उपवास तोड़ा था और सांसदों से लेकर राजनीतिक दलों, पुलिसकर्मियों और उपवास के दौरान उनकी देखभाल करने वाले डॉक्टर तक सभी को धन्यवाद दिया लेकिन केजरीवाल और आप के अन्य नेताओं का कोई जिक्र नहीं किया।

error: Content is protected !!