नई दिल्ली / पिछले हफ्ते दिल्ली की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री राखी बिडलान जब पुलिस को एक घर के दरवाजे को तोड़ने के लिए दबाव बना रही थीं, वह ससुराल द्वारा किसी महिला को जला दिए जाने का सामान्य मामला नहीं था। यह बात सामने आई है कि आम आदमी पार्टी के विधायक सुरेंदर सिंह इलेक्शन से पहले 6 महीने तक विक्टिम महिला के किराएदार रहे थे।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक खुद AAP विधायक सुरेंदर सिंह और उनके समर्थकों ने बिडलान को सागरपुर बुलाया था, ताकि विक्टिम को ‘न्याय’ दिलाया जा सके। सुरेंदर सिंह के कैंपेन मैनेजर रहे गौरव तिवारी ने बताया कि उन्होंने विक्टिम महिला के घर को इलेक्शन के दौरान किराए पर लिया था। रेंट अग्रीमेंट उन्हीं के नाम पर बना था। उन्होंने बताया, ‘हम मकान की तलाश कर रहे थे, तभी इस महिला के घर के बारे में पता चला। विक्टिम थर्ड फ्लोर पर रहती थीं और बाकी दो फ्लोर खाली थे। हमने दोनों फ्लोर 15 हजार रुपये प्रति महीने के हिसाब से किरए पर ले लिए। इस महिला के ससुराल वाले अगले वाले घर में रहते थे। उसने बताया था कि उसके ससुराल वाले उसे धमकी देते हैं। उसे लगता था कि अब चूंकि घर हमने किराए पर ले लिया है, तो लोगों की मौजूदगी में वह सेफ रहेगी।’
जनवरी के पहले हफ्ते में जैसे ही AAP एमएलए सुरेंदर ने यह मकान छोड़ा, विक्टिम को धमकियां मिलने लगीं। एक पार्टी वर्कर के मुताबिक इलेक्शन के बाद पार्टी के कई वॉलंटियर अपने घर चले गए और एमएलए ने भी मकान छोड़ दिया। इसके एक दिन बाद ही आरोपियों ने विक्टिम के घर के बाहर का गेट हटा दिया। AAP वॉलंटियर सागरपुर SHO के पास गए, लेकिन कोई ऐक्शन नहीं लिया गया। 13 जनवरी को जब जानकारी मिली कि विक्टिम को जला दिया गया है, बताया जा रहा है कि सुरेंदर सिंह सबसे पहले वहां पहुंचे थे। उनका कहना है, ‘पुलिस 5 लोगों को अपने साथ ले गई, लेकिन एक को ही अरेस्ट किया। अगले दिन चारों ऐसे घर आ गए, जैसे कुछ हुआ ही न हो। इससे हम नाराज हो गए। जब हमारे पास रहने के लिए कोई जगह नहीं थी, तब उस महिला ने हमारी मदद की थी।’ इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री केजरीवाल और राखी बिड़ला से इस मुद्दे को उठाने का आग्रह किया। सुरेंदर के कैंपेन मैनेजर रहे तिवारी ने कहा, ‘राखी जी आने के लिए तैयार हो गईं। इसके बाद ही पुलिस से नोंक-झोंक हुई थी।’
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार के मंत्रियों और मुख्यमंत्री ने जिन मांगों को लेकर धरना दिया था, उनमें इस महिला के ससुरवालों को गिरफ्तार न करने वाले पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने की मांग भी शामिल थी।