वृन्दावन

कुसुम अंसल
कुसुम अंसल

 

देवी नागरानी
देवी नागरानी

हुन मुखे डिठो
स्पर्श कयाईं
कुछ अहड़ीअ तरंहि
जींअ कासाई
पाहिंजे बकरे जी नाप तोर वठे!
ऐं पोइ
हुन मुरकी डिनो
सजी रात, माँ
हुनजी मुर्क जे
बरंदड़ जबल जे पघिरियल धातूअ में
टहकंदी –तिरकंदी कहिं ऊन्हीअ खाईअ में ढिरिकी व्यस।

लेखिका: कुसुम अंसल, 26 फेरोजशाह रोड, नई दिल्ली 110001, Ph: 9810016006
अनुवाद: देवी नागरानी,पता: ९-डी॰ कॉर्नर व्यू सोसाइटी, १५/ ३३ रोड, बांद्रा , मुंबई ४०००५० फ़ोन: 9987938358

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