भाजपा को अलविदा कह गए जसवंत, आडवाणी से आशीर्वाद मांगा

jaswant singhबाड़मेर। लोकसभा टिकट नहीं मिलने से आहत होकर बीजेपी से बगावत करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा दाखिल कर दिया हैं। सिंह अपने 200 वाहनों के काफिले के साथ निर्वाचन कार्यालय पहुंचे तथा नामांकन पत्र दाखिल किया। समर्थकों ने भाजपा के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। सिंह के साथ भाजपा का कोई विधायक नहीं था उनके पुत्र मानवेन्द्र सिंह भी नहीं आए यह कहा जा रहा है कि रणनीतिक रूप से जसवंत अपने पुत्र को साथ नहीं लाए। दोनों पिता पुत्र में काफी समय तक बातचीत हुई थी तथा यह माना जा रहा था की मानवेन्द्र भी उनके साथ रहेंगे। यहां से वे पहले आदर्श स्टेडियम में एक जनसभा को संबोधित करेंगे।
इससे पहले सिंह ने अपने पैतृक निवास जसोल में माता राणी भटियाणी मंदिर में दर्शन किए। सूत्रों के अनुसार जसवंत सिंह ने बीजेपी नेता लालकृष्ण अडवाणाी से फोन पर बात की और कहा कि, मैं पार्टी को अलविदा कह रहा हूं आप मुझे आशीर्वाद दें।
गौरतलब है कि दार्जिलिंग संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे 76 वर्षीय भाजपा नेता कांग्रेस से हाल में पार्टी में शामिल हुए कर्नल सोनाराम को बाड़मेर सीट का प्रत्याशी बनाए जाने से काफी आहत हुए हैं।

राजस्थान से गहरा नाता
1960 के दशक में जसवंत सिंह को पहली बार राजस्थान के कद्दावर नेता और उपराष्ट्रपति रहे दिवंगत भैरोसिंह शेखावत ने ही जनसंघ में शामिल किया था और उन्हें ही जसवंत का पॉलिटिकल मेंटर माना जाता है। 1980 में राज्यसभा सदस्य बनने के बाद के आने वाले सालों में जसवंत सिंह ने सफलता पूर्वक अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में दो बार वित्त मंत्री और एक बार एक्स्टरनल अफेयर मिनिस्ट्री का कार्यभार भी संभाला। राजस्थान के अजमेर में चर्चित मेया कॉलेज से पढ़ चुके जसवंत भारतीय सेना में एक अफसर के तौर पर भी काम कर चुके हैं।

राजे की नहीं सुनी, पिता के साथ हुए मानवेन्द
बाड़मेर। राजस्थान में बाड़मेर जिले के शिव से भाजपा विधायक मानवेन्द्र सिंह भी अपने पिता पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंत सिंह के साथ आ गए हैं। इससे पहले मानवेन्द्र ने अपने पिता के साथ जाने में हिचक दिखाई थी वह कहा था कि वह एक महिने की छुट्टी पर रहेंगे। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने रविवार को जब बाड़मेर जिले के विधायकों की बैठक बुलाई तो उसमें मानवेन्द्र नहीं आए। विधायकों का कहना था कि जनता जसवंत सिंह के साथ है अत: तब राजे ने विधायकों से कहा कि वह अपने क्षेत्र में खड़े हो जाए तो जनता भाजपा उम्मीदवार कर्नल सोनाराम के साथ आ जाएगी। पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने अपने असमंजस खत्म करते हुए सोमवार को नामांकन पत्र दाखिल करने का निर्णय कर लिया और दोपहर बाद अपने समर्थकों की मौजूदगी में पर्चा दाखिल किया।
-जगदीश सैन पनावड़ा

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