चुनाव लडऩे के लिए कैसे मान गए सांवर लाल जाट?

sanwar lal jat 1अजमेर संसदीय क्षेत्र से भाजपा के बैनर तले चुनाव मैदान में उतरे प्रो. सांवर लाल जाट किन हालात में चुनाव लडऩे को राजी हुए, ये सवाल राजनीतिक हलके में चर्चा का विषय बना हुआ है। यह सवाल उठना स्वाभाविक भी है क्योंकि वे वर्तमान में राज्य सरकार में जलदाय मंत्री हैं और उन्होंने लोकसभा टिकट की इच्छा जताई भी नहीं थी। अलबत्ता उनके पुत्र रामस्वरूप लांबा की दावेदारी जरूर सामने आई थी। जाहिर सी बात है कि जो नेता अभी काबिना मंत्री हो, वह क्यों कर सांसद बनना चाहेगा। प्रसंगवश आपको बता दें कि परिसीमन के बाद जाटों के वोट दो लाख से ज्यादा हो जाने के बाद उनकी दावेदारी पिछली बार भी काफी प्रबल मानी गई थी, मगर या तो उन्होंने रुचि नहीं दिखाई या फिर पार्टी ने उन्हें उपुयुक्त नहीं माना और भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती किरण माहेश्वरी को चुनाव लड़वाया गया था।
कानाफूसी है कि प्रो. जाट ने चुनाव लडऩा इसी शर्त पर मंजूर किया है कि अगर वे जीतते हैं तो उनकी नसीराबाद सीट पर उनके ही पुत्र लांबा को टिकट दिया जाएगा। शर्त ये भी हो सकती है कि अगर केन्द्र में भाजपा नीत सरकार बनी तो उन्हें भी मंत्री बनने का मौका दिया जाएगा।

1 thought on “चुनाव लडऩे के लिए कैसे मान गए सांवर लाल जाट?”

  1. please come my vill. kotaj and some appiliction last program your in kotaj prosed please
    AAPKA
    SATYAPAL SINGH

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