जयपुर, राजस्थान सरकार मिड डे मील (मध्यान भोजन कार्यक्रम) के अन्तर्गत राज्य स्तर पर एक लाख से अधिक रसोईयों एवं सहायकों को भोजन बनाने की प्रक्रिया में स्वच्छता एवं भोजन में पोषक तत्वों की मात्रा के बारे में प्रशिक्षण देने की श्रृंखला में आज पहली दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला सांगानेर स्थित आई.आई.एच.एम.आर. परिसर में प्रारम्भ हुई। 2 अप्रेल से 15 मई 2014 तक चलने वाले 15 प्रशिक्षण कार्यक्रमों में राज्य के प्रत्येक जिले की प्रत्येक पंचायत समिति से 747 चयनित प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षित होकर ब्लॉक स्तर पर प्रशिक्षण देंगे। पूरे देश में राजस्थान पहला प्रदेश है जहाँ कुपोषण एवं पोषक तत्वों के अभाव से होने वाली बीमारियों से बचाने के लिए स्वच्छ एवं फोर्टीफाईड आहार योजना के अन्तर्गत मिड डे मील तैयार करने वाले अन्तिम छोर के कार्यकर्ता को प्रशिक्षण दिये जाने की महत्वाकांक्षी पहल की गई है।
राजस्थान सरकार के मिड डे मील कार्यक्रम एवं ग्लोबल एलायन्स फार इम्प्रूवड न्यूट्रीशियन (गेल) नई दिल्ली के सहयोग से आई.आई.एच.एम.आर. द्वारा आयोजित मिड डे मील (मध्यान्ह भोजन) योजनान्तर्गत कुक मय हैल्परों, शिक्षकों एवं ब्लॉक स्तर अधिकारियों का स्वच्छता एवं पोषण पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों के प्रथम प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राजस्थान आजीविका मिशन के अध्यक्ष पूर्व मुख्य सचिव मीठा लाल मेहता ने कहा कि कल्याणकारी सरकार द्वारा चलाये जा रहे इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम से सकारात्मक परिणाम आयेंगे। इस परिवर्तन के आगाज से नया इतिहास बनेगा।
राजस्थान सरकार के मिड डे मील परियोजना निदेशक बद्रीनारायण ने बताया कि पूरे राज्य में 85000 स्कूलों में 78 लाख बच्चों के लिए तैयार किये जा रहे पोषाहार में 1 लाख 20 हजार कुक एवं हैल्परों में से 89 प्रतिशत आर्थिक वर्ग से कमजोर महिलायें जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने मिड डे मील में गुणवत्ता और रख रखाव को लेकर आ रही शिकायतों को देखते हुए मिड डे मील तेयार करने वालों को प्रशिक्षण दिये जाने का निर्णय किया।
संस्थान के निदेशक डॉ. एस.डी. गुप्ता ने फोटीफाईड आहार द्वारा कुपोषण एवं पोषक तत्वों के अभाव से होने वाली विशेष कर दस्त निमोनिया एवं संक्रमण जैसी बीमारियों को दूर करने में स्वच्छता, भोजन बनाने की प्रक्रिया, का प्रशिक्षण का माध्यम सरकार एवं कार्यक्रमा की प्रतिष्ठा को कायम करने में मील का पत्थर साबित होंगे। डॉ. गुप्ता ने कहा कि खाद्य पदार्थों के फोर्टीफिकेशन में आयरन, फोलिक एसिड एवं विटामिन बी12 युक्त फोर्टीफाईड आटा, विटामिन-ए एवं डी युक्त फोर्टीफाइड खाद्य तेल एवं विटामिन-ए एवं डी युक्त फोर्टीफाइड दूध-स्वास्थ्य के लिए वरदान है।
बारां जिले के जिलाधीश के रूप में मिड डे मील कार्यक्रम से शुरू से जुड़े पूर्व आई.ए.एस. राजेन्द्र भानावत ने कहा कि सरकार द्वारा संचालित मिड डे मील कार्यक्रम देश के बच्चों का भविष्य बनाने वाला महत्वपूर्ण कार्यक्रम है, अतः इसमें अच्छी नियत से काम किया जाना जरूरी है।
इस अवसर पर मिड डे मील योजनान्तर्गत ग्रामीण प्रबन्धन के प्रोफेसर डॉ. गौतम माधु, डॉ. तन्जुल सक्सेना एवं शिरीष हर्ष द्वारा तैयार प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं प्रशिक्षण माड्यूल का लोकार्पण भी किया गया।
संस्थान की फूड फोर्टीफिकेशन परियोजना के निदेशक डॉ. आर.एस. राठौड़, सुदीप शर्मा, राजीव बघेल, डॉ. रंजीता, राजकपूर राघव भी उपस्थित थे।
कल्याण सिंह कोठारी
मीडिया सलाहकार
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