हालांकि जैसा माहौल, सट्टा बाजार का अनुमान और मीडिया का एक पक्षीय रवैया है, उससे तो यही माना जा रहा है कि भाजपा नीत एनडीए को पूर्ण बहुमत मिल जाएगा, मगर कानाफूसी है कि मतदान का पिछला चरण समाप्त होने के बाद यह कानाफूसी शुरू हो गई है कि भाजपा के कुछ हलकों में बहुमत को लेकर चिंताएं भी उभर रही हैं। इन धड़े का मानना है कि एनडीए गठबंधन शायद बहुमत के लिए जरूरी 272 सीटों का आंकड़ा पार नहीं कर पाए। असल इस आशंका की वजह ये बताई जा रही है कि हाल ही जिस प्रकार खुद प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेन्द्र मोदी व उनके खास सिपहसालार अमित शाह ने चुनाव आयोग से बूथ कैप्चरिंग की शिकायत की है और आग्रह किया है कि आगामी चरण के मतदान में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए जाएं, यह संदेह होता है कि कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ जरूर हुई है। संभव है कि पूर्व बहुमत न मिल पाने की आशंका देखते हुए भाजपा अभी से उसकी वजह स्थापित कर देना चाहती है।
कानाफूसी ये भी है कि फिलवक्त भाजपा ने यह तय सा कर रखा है कि अगर एनडीए को बहुमत नहीं मिला और दूसरी पार्टियों से समर्थन लेने की नौबत आई तो उस स्थिति में भी पीएम की कुर्सी से समझौता नहीं किया जाएगा। मोदी खेमे ने साफ किया है कि चाहे कैसी भी परिस्थिति आ जाए, पीएम की कुर्सी पर मोदी ही बैठेंगे। ज्ञातव्य है कि कुछ लोगों का कयास है कि ऐन वक्त पर मोदी के लिए समर्थन जुटाने में दिक्कत आई तो भाजपा राजनाथ सिंह को आगे कर सकती है।