वार्षिक वेतन वृद्धि का एरियर मय ब्याज दिये जाने के आदेश

jaipur newsजयपुर, राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर ने अप्रार्थी संस्था श्री जैन रत्न उच्च माध्यमिक विद्यालय, भोपालगढ़, जोधपुर द्वारा जारी वेतन स्थिरीकरणआदेशों को अपास्त करते हुए प्रार्थी को चयनित वेतनमान का लाभ राज्य सरकार के आदेश दिनांक २५-०१-१९९२ के अनुसार दिये जाने, पांचवे वेतनमान का लाभ दिये जाने, महंगाई भत्ते का एरियर तथा वार्षिक वेतन वृद्धि का एरियर मय ब्याज सहित दिये जाने के आदेश अप्रार्थी संस्था को दिये। उल्लेखनीय है कि प्रार्थी नैपाल सिंह शिशौदिया की नियुक्ति वरिष्ठ अध्यापक के पद पर दिनांक ०१-१०-१९८१ को उक्त संस्था में हुई।  अप्रार्थी संस्था द्वारा दिनांक १४-०७-२००६ को प्रार्थी का वेतन स्थिरीकरण करने के पश्चात् राज्य सरकार द्वारा प्राप्त होने वाली अनुदान राशि को देखते हुये उसके वेतन में कमी कर दी तथा उसके वेतन का स्थिरीकरण सन् २००४ में प्राप्त होने वाले वेतन के अनुसार कर दिया जिसका अप्रार्थी संस्था को कोई अधिकार नहीं हैं क्योंकि अप्रार्थी संस्था द्वारा पारित आदेश विधि विरूद्ध एवं संविधान के अनुच्छेद में किये गये प्रावधानों के खिलाफ  होने के कारण अप्रार्थी संस्था इस प्रकार के आदेश पारित करने में सक्षम नहीं था। प्रार्थी ने अप्रार्थी संस्था को वेतन स्थिरीकरण राज्य सरकार के आदेश दिनांक २५-०१-१९९२ के अनुसार करने हेतु कई बार निवेदन किया परन्तु अप्रार्थी संस्था द्वारा प्रार्थी के निवेदन पर कोई ध्यान नहीं दिया गया  इससे पीडित होकर प्रार्थी ने अपने वकील डी पी शर्मा के माध्यम से प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत कर अप्रार्थी संस्था द्वारा जारी वेतन स्थिरीकरण आदेश दिनांक १४-०७-२००६  को अधिकरण के समक्ष चुनौती दी। प्रार्थी के अधिवक्ता का तर्क था कि राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम, १९८९ की धारा २९ तथा नियम, १९९३ के नियम ३४ के प्रावधानों के अनुसार प्रार्थी उपरोक्त सभी लाभ प्राप्त करने का अधिकारिणी है तथा अप्रार्थी संस्था द्वारा पारित उक्त आदेश भी विधि विरूद्ध है। मामले की सुनवाई के पश्चात अधिकरण ने अप्रार्थी संस्था द्वारा पारित आदेश दिनांक १४-०७-२००६ को अपास्त कर प्रार्थी को चयनित वेतनमान का लाभ पूर्व के सेवाभिलेख के आधार पर देने, पांचवे वेतन आयोग का लाभ एवं वेतन स्थिरीकरण का एरियर, मंहगाई भत्ते की राशि एवं वार्षिक वेतन वृद्धियों का एरियर का भुगतान वर्तमान में प्रावधायी निधि विभाग द्वारा राजकीय कर्मचारियों को देय ब्याज की दर से बकाया होने की दिनांक से करने के आदेश दिये।

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