लावारिस पशुओं का नियोजन व सांडों का बंध्याकरण सरकार की प्राथमिकता में हो शामिल- चौधरी

** राष्ट्रीय संगोष्ठी में अजमेर सरस डेयरी अध्यक्ष चौधरी ने  key डेयरी विकास की संभावना एवं चुनौतियों के संबंध में रखे अनेक मुद्दे।
अजमेर( वि.)lअजमेर सरस डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने कहा कि देश में विभिन्न प्रदेशों की सरकारों को  चाहिए कि वे पशुओं का भी परिवार नियोजन (फैमिली प्लानिंग) करें lसड़कों पर विचरण करते लावारिस पशुओं का  ब्रिड(नस्ल) के हिसाब से नियोजन होना चाहिए तथा आवारा सांडों का बंध्याकरण भी करवाना चाहिए, जिससे अनुपयोगी व कमजोर नस्ल पर नकेल कसी जा सके lइतना ही नहीं इसकी क्रियान्विति से राजमार्गों पर आए दिन हो रही दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी, जिससे जान माल की हानि पर भी अंकुश लग सकेगाl
चौधरी ने शुक्रवार को उज्जैन (मध्य प्रदेश) में विक्रम विश्वविद्यालय के सभागार में इंडियन डेयरी एसोसिएशन (वेस्ट जोन) व विक्रम विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित मध्य प्रदेश में डेयरी विकास: संभावनाओं और चुनौतियां विषयक संगोष्ठी के प्रथम दिन फार्मर सेशन को संबोधित करते हुए यह बात कहीl चौधरी ने कहा कि मध्य प्रदेश में अगर डेयरी विकास को मजबूत बनाना है तो ब्रिड के अनुसार पशुओं का फैमिली प्लानिंग भी होना जरूरी होगाl केंद्र  व  विभिन्न  राज्यों  की सरकारें अनेक योजनाओं पर लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर रही हैं lआज किसान की  जमीन  का  पीढ़ी दर पीढ़ी  बंटवारा हो रहा है, जिससे उसके पास आजीविका के साधनों की कमी होती जा रही हैंl ऐसी स्थिति में अगर  सरकारें मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान हरियाणा व पंजाब में उपलब्ध अच्छी नस्ल की  एक कामधेनु गाय  गरीब  किसान  को नि:शुल्क उपलब्ध करवा दे तो यह उसके लिए महत्वपूर्ण आजीविका का साधन होगाl
चौधरी ने कहा कि भारत सरकार को भारतीय प्रशासनिक सेवा के अंतर्गत आईएएस, आईपीएस की तरह   इंडियन डेयरी सर्विस (आई  डीएस)को भी शामिल किया जाना चाहिएl जिससे अनेक टेक्नोक्रेट को इस क्षेत्र में जॉब मिल सकेl इसी प्रकार  डेयरी को कृषि क्षेत्र में शामिल किया जाना चाहिए ताकि किसान क्रेडिट कार्ड व मुद्रा लोन की तरह कम फीसदी ब्याज दरों पर किसानों को आसान ऋण मिल सकेl चौधरी ने नस्ल सुधार पर अपनी बात कहते हुए कहा कि सेक्स सॉर्टेड सिमन किसानों को फ्री में उपलब्ध करवाना चाहिए ऐसा सीमन जिसे बछड़ी पैदा हो सके ।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में अनेक चारागाह है, जिससे पशु आहार का संकट कम होता हैl राजस्थान में बजरी माफिया व खनन माफिया के चारागाह  पर अतिक्रमण के कारण चारगाह  खत्म होते जा रहे हैं ,जो चिंता का विषय हैंlउन्होंने पशु आहार का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार जिस  नेपियर घास उगाने की चर्चा कर रही हैl यह शोध में साबित हो चुका है कि यह घास पशुओं की आंतों के लिए हानिकारक होती है, जिससे उनकी प्रजनन क्षमता व दूध उत्पादन पर भी असर पड़ता हैl
उन्होंने कहा कि  डेयरी विकास को बढ़ाना है तो सरकार को दूध का समर्थन मूल्य निर्धारण करना चाहिएl इसी प्रकार मिड डे मील के माध्यम से विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण दूध शुरू करना चाहिएl उन्होंने कहा कि घी पर जो 12  फीसदी जीएसटी लागू है उसको घटकर पांच फ़ीसदी करना चाहिएl
चौधरी ने कहा कि वर्तमान में राजनीतिक  प्रभाव के चलते ऐसे लोग इस क्षेत्र में प्रबंधक व अन्य पदों पर आ रहे हैं, जिनको इस क्षेत्र का तकनीकी ज्ञान नहीं हैl इस पर भी सरकारों को मंथन करना चाहिए, केवल प्रभाव युक्त व्यक्ति नहीं गुणवत्तापूर्ण व्यक्ति अपनी योग्यता के आधार पर इस क्षेत्र में आएगा तो यह इस क्षेत्र के लिए लाभकारी होगाl संगोष्ठी के प्रथम दिन दो तकनीकी सत्र आयोजित किए गएl इसमें चार विशेषज्ञों ने अपनी बात रखी, इससे पूर्व उद्घाटन सत्र आयोजित किया गयाl इसमें श्री जेवी प्रजापति अध्यक्ष IDA वेस्ट जोन मुख्य अतिथि रहे तथा मुख्य वक्ता के रूप में उज्जैन के कमिश्नर श्री संजय गुप्ता, उज्जैन दक्षिण विधायक श्री पारस चंद्र जैन मौजूद रहेl
विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति अर्पण भारद्वाज ने संगोष्ठी की रूपरेखा व स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत कियाl शनिवार को दो तकनीकी सत्र के बाद समापन समारोह आयोजित किया जाएगा।

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