अजमेर। परमश्रद्धेय गोवत्स श्री राधा कृष्ण जी महाराज की सद्प्रेरणा से गत चार वर्ष से चल रही प्रभात फेरी दिनांक 12 जुलाई, 2014 शनिवार को प्रातः 6.00 बजे संन्यास आश्रम पहुंची। वहां पहुंचकर प्रभात फेरी परिवार आश्रम के वेदपाठी बटुक एवं आचार्यों सहित सैकडों धर्मावलम्बियों ने संन्यास आश्रम के अधिष्ठाता स्वामी षिवज्योतिषानन्दजी महाराज की पादुका पूजन कर गुरू पूर्णिमा उत्सव मनाया गया।
उपरोक्त अवसर पर स्वामी षिवज्योतिषानन्दजी द्वारा जगतगुरू वेदव्यास जी एवं समस्त वेद , उपनिषदों का पूजन किया गया। गुरू पूर्णिमा अवसर पर स्वामी जी ने सभी भक्त समुदाय को अपनी शुभाषीष एवं मंगल कामना प्रेषित की। उन्होंने कहा कि संत समागम जीवन की एक ऐसी प्रयोगषाला है जिसमें आकर ही परमात्मा की खोज व प्राप्ति की जा सकती है। मानव जीवन की प्रथम सीढी धर्म है और यह धर्म आचरण एवं स्वभाव में सम्मिलित हो जाए तो नरभाव सार्थक हो जाता है। अतः धर्म युक्त जीवन को जीओ। किसी से भी ईर्ष्या एवं द्वेष रखना महापाप है। जीवन में सदैव प्रसन्न रहो। जीवन में सदाबहार प्रसन्न रहना ही सर्वोच्च भक्ति है ओर इसके लिए पहला सूत्र है सुबह नींद खुलते ही एक मिनट तबीयत से मुस्कुराइए। दूसरा – जीवन को सहजता से जिएं। तीसरा- यथासम्भव प्रतिक्रिया से बचें और जीवन को प्रकृति के सानिध्य मंे रहने की आदत डालें। स्वास्थ्य, अध्यात्म एवं जीवन को प्रसन्न एवं सुखी रखने की रामबाण औषधि है प्रभातफेरी। नियमित प्रभारी फेरी का संग करके जीवन को आनन्दित एवं प्रसन्नचित किया जा सकता है। चातुर्मास को स्वामी जी ने साधना के लिये श्रेष्ठ समय बताया। जिस प्रकार वर्षाकाल में कृषि भूमि को उपजाउ बनाने के लिये हल चलाया जाता है, बीजारोपण किया जाता है ठीक उसी प्रकार इस शरीर को परमात्मा के योग्य बनाने के लिये भक्ति के अंकुरण के लिये चातुर्मास में साधना, वर्त नियम से भक्ति के द्वारा शरीर शुद्ध एवं उपयुक्त बनाया जा सकता है। इस अवसर पर श्री लक्ष्मीनारायण हटूका, उमेष गर्ग, गोकूलचन्द अग्रवाल, ईष्वर चन्द अग्रवाल, हनुमान श्रिया, बृजेष मिश्रा, रामरतन छापरवाल, श्यामसुन्दर बंसल सहित सैकडों भक्त उपस्थित थे।
उमेश गर्ग
प्रवक्ता, मो. 9829793705
