पवार को कांग्रेस में आने का न्यौता

sharad pawarकांग्रेस ने सार्वजनिक रूप से बयान जारी किया है कि पृथ्वीराज चव्हाण महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहेंगे और पार्टी अक्टूबर में होने वाला विधानसभा चुनाव उन्हीं के नेतृत्व में लड़ेगी, लेकिन पर्दे के पीछे की कहानी इससे इतर भी है। कांग्रेस की राज्य इकाई के कई नेताओं और सहयोगी पार्टी एनसीपी का चव्हाण को हटाने के लिए जबर्दस्त दबाव है। कांग्रेस नेतृत्व ने एनसीपी के मुखिया शरद पवार तक संदेश पहुंचा दिया है कि चव्हाण को अक्टूबर से पहले हटाया जा सकता है, बशर्ते वह एनसीपी का कांग्रेस में विलय कर दें और खुद नेतृत्व संभालने के लिए आगे आएं।

सूत्रों के मुताबिक, एआईसीसी के मध्यस्थों ने पवार को यह संदेश दे दिया है कि विलय होने पर राज्य में पार्टी का नेतृत्व वही करेंगे। कांग्रेस के सूत्र ने कहा कि हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव में राज्य में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद आगे की चुनौतियों का सामना करने के लिए 16 साल पहले हुए अलगाव को खत्म करके दोनों पार्टियों का विलय ऐतिहासिक जरूरत बन गई है। एनसीपी के सूत्रों ने बताया कि शरद पवार आज तीन बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि वह इस मसले पर कुछ तस्वीर साफ कर सकते हैं।

बताया जा रहा है कि कांग्रेस का नया प्रस्ताव इस रिपोर्ट के बाद आया है कि एनसीपी के कुछ नेता एनडीए के साथ रणनीति साझेदारी के पक्ष में हैं। हाल में पवार और नरेंद्र मोदी की मुलाकात और एनसीपी के मुखिया के एक गुजराती उद्योगपति के साथ समय बिताने के बाद इन चर्चाओं को और बल मिला है। राजनीति गलियारे इसकी टाइमिंग इसलिए भी मुफीद माना जा रही है क्योंकि बीजेपी-शिवसेना में विधानसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर मनमुटाव की बात जगजाहिर है। एनसीपी के एक नेता ने कहा, ‘हमारी पार्टी विलय के प्रस्ताव का विरोध करती रही है। इसलिए कांग्रेस ने कहा कि चव्हाण मुख्यमंत्री बने रहेंगे। जब कांग्रेस पतन की ओर अग्रसर है और खेल से बाहर है, तब एनसीपी विलय पर क्यों विचार करेगी? कांग्रेस चव्हाण से चिपके रहने और डूबने के लिए स्वतंत्र है। हमारे लिए यह समय चीजों को व्यवस्थित करने का है।’

कठोर रुख अपना रही एनसीपी ने विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के सामने बराबर सीट (144) की मांग रख दी है। एनसीपी का तर्क है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 2 और उसे चार सीटें मिली हैं। कांग्रेस के एक वरिष्ट नेता का कहना है, ‘राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए अगस्त के अंत में अधिसूचना जारी होने की उम्मीद है। पवार और हम जानते हैं कि अगर हमारा रवैया यथार्थवादी रहा तो राजनीति में अगले 45 दिनों में कुछ भी हो सकता है।’

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