मज़बूरी में बोलना ही पड़ेगा अच्छे दिन आ गए

नीरज रोहिला
नीरज रोहिला

एक गाँव में एक काना था सब लोग उसे एक आँख
होनेकी वजह से काणा कह कर चिढाते थे।
उसनेसोचा की इन गाँव वालो को सबक सिखाता हूँ।
उसनेरात को 12 बजे अपनी दूसरी आँख भी फोड़ ली औरपुरे
गाँव में चिल्लाता हुआ दोड़ने लगा “मुझे भगवानदिखाओ दे
रहें है अच्छे दिन दिखाई दे रहे है”,येसुनकर गाँव वाले बोले अबे
काणे तुझे कहाँ से भगवानया अच्छे दिन दिखाई दे रहें हैं।
तो उसनेकहा की रात को सपने में भगवन यानि अच्छे
दिनों नेदर्शन दिया और बोले की अगर तू
अपनी दुसरी आँखभी फोड़ ले तो अच्छे दिन दिखाई देंगे।
इतना सुनकरगाँव के सरपंच ने कहा की मुझे अच्छे दिन देखने
हैं।तो अँधा बोला की दोनों आँखे फोडोगे तभी दिखाईदेंगे
अच्छे दिन। सरपंच ने हिम्मत करकेअपनी दोनों आँखे फोड़
ली। पर ये क्या अच्छे दिनतो दूर अब तो उसे दुनिया दिखाई
देना बंद हो गई।उसने अंधे से कान में कहा की अच्छे दिन
तो दिखाईनहीं दे रहे। तो अँधा बोला सरपंच जी सबके
सामने येसच मत बोलना नहीं तो सब आप को मुर्ख
कहेंगेइसलिए बोलो अच्छे दिन आ गए। इतना सुनकर सरपंचने
जोर से बोला मुझे भी अच्छे दिन दिखाई दे रहे हैं।इसके बाद
एक एक करके पुरे गांव वालों ने अपनी आँखेफोड़ डाली और
मज़बूरी में वाही बोल रहे थेजो सरपंच ने कहा । अच्छे दिन
आ गये। यही हाल अच्छेदिन के समर्थको का है। आँखे
तो फोड़ ली हैं अपनेहाथों से अब तो मज़बूरी में
बोलना ही पड़ेगा अच्छेदिन आ गए।
नीरज रोहिला 
प्रदेश सचिव, राष्ट्रीय सोनिया गांधी ब्रिगेड काँग्रेस, राजस्थान
वार्ड सचिव, जयपुर में शहर जिला कांग्रेस कमेटी
सदस्य, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस सोशल मीडिया
जिला संयोजक, एन एस यू आई आई टी सेल
जयपुर

1 thought on “मज़बूरी में बोलना ही पड़ेगा अच्छे दिन आ गए”

  1. धन्यवाद मोदी जी…….आपके आ जाने से निठल्लो को कहानिया
    गढने का काम तो मिल गया

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