वाटृस ऐप पर चल रही एक पोस्ट
आज मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 14 विधायको को अपने
मंत्रिमंडल मे शामिल किया पर भाजपा के वरिष्ठ नेता घनश्याम
तिवाड़ी का नाम नहीं आने से संघ के साथ साथ भाजपा के एक
खेमे मे निराशा का माहौल पैदा हो गया है ।
अब तक सभी नेता और लोग घनश्याम तिवाड़ी के नाम पर
आस्वासत थे पर जैसे जैसे राजे ने नई मंत्रियो के नाम पढ़कर समाप्त
किए तो तिवाड़ी का नाम कहीं पर नजर नहीं आया ।
वसुंधरा राजे और तिवाड़ी मे 36 का आकडा चल रहा था पर केंद्र मे
मोदी आने के बाद तिवाड़ी के अच्छे दिनो का अंदाजा लोगो ने
लगाना शुरू कर दिया था पर महारानी के सामने लोगो के दावे
फेल होते नजर आए और एक बार फिर तिवाड़ी लाल बत्ती से
काफी दूर हो गए ।
1 thought on “महारानी की मनमानी”
Comments are closed.
आखिर आपके अजमेर नामे मे मनगटत बाते कयो लिखी जाती है ये मनमानी नही सीएम का विशेषाधिकार है कि वो मंतरी मंडल मे किसे शामिल करे और तिवाङी को मंतरी नही बनाने से यह साबित हो जाता है कि सीएम किसी के दबाव मे आये बिना निरणय करती है तो यह मनमानी नही अपने विवेक और निरडरता का परिचय है