हिमाचल में मोबाइल सिमकार्ड लेने के लिए नियम कड़े होने जा रहे हैं। भारत सरकार ने इस बारे में नई गाइड लाइन जारी करते हुए इन्हें नवंबर माह से लागू करने के निर्देश दिए हैं।
इसके अनुसार नए मोबाइल कनेक्शन के लिए उपभोक्ता को न केवल पूरे दस्तावेज जमा करने होंगे बल्कि सिमकार्ड इश्यू होने के बाद टेली काउंसलिंग से कन्फर्म भी करना होगा कि वही व्यक्ति सिम प्रयोग कर रहा है, जिसे यह जारी हुआ है। यदि टेली कन्फर्मेशन के दौरान उपभोक्ता फार्म में दी गई जानकारी की डिटेल बताने में असमर्थ रहता है तो इश्यू किए गए सिमकार्ड को तुरंत बंद कर दिया जाएगा।
वहीं, प्री एक्टिवेटिड सिम बेचने पर सर्विस प्रोवाइडर कंपनी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना ठोका जाएगा। नई गाइड लाइन के अनुसार विदेशी नागरिकों या अन्य पर्यटकों को अब निश्चित अवधि के लिए सिम मिलेगा। विदेशी पर्यटकों के लिए यह अवधि उनके वीजा समय तक होगी, लेकिन 3 माह से ज्यादा नहीं रहेगी।
हिमाचल प्रदेश में भारत सरकार की यह गाइड लाइन पहुंच चुकी है और सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को नवंबर माह से इन्हें सख्ती से लागू करने के लिए कहा गया है। स्टेट सीआईडी के आईजी इंटेलीजेंस व क्राइम अशोक शर्मा ने नई गाइड लाइन मिलने की पुष्टि की है। आईजी के अनुसार बाजारों में धड़ल्ले से कंपनियां उपभोक्ताओं को बिना जांचे परखे सिमकार्ड इश्यू करती हैं, जिसका दुरुपयोग होता है।
क्या-क्या है नई गाइडलाइन में
कस्टमर को फार्म में पूरी जानकारी के साथ-साथ पासपोर्ट साइज फोटो, रिहाइशी व पहचान पत्र देना जरूरी है। अनपढ़ लोगों के लिए अंगूठे का निशान जरूरी है। उपभोक्ताओं का डाटाबेस बनेगा और उसमें सारी जानकारी रहेगी। सिम बेचने वाले व्यक्ति को उपभोक्ता के फार्म पर रिकार्ड करना होगा कि उसने उपभोक्ता को स्वयं देखा है और फोटो से टेली किया है। कनेक्शन तभी एक्टिवेट किया जाएगा, जब सभी औपचारिकताएं पूरी की गई हो और उपभोक्ता की ओर से दी गई जानकारी सही हो।