मोदी की पत्नी को झटका, कांग्रेस ने मारा ताना

jasoda ben
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अहमदाबाद / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी जसोदाबेन ने पीएम की पत्नी होने के नाते अपनी सिक्यॉरिटी को लेकर आरटीआई दाखिल कर जानकारी मांगी थी। पीएम की पत्नी ने नवंबर 2014 में आरटीआई दाखिल कर सिक्यॉरिटी और विशेषाधिकार के बारे में पूरी जानकारी मांगी थी। 27 दिसंबर 2014 को मेहसाना पुलिस स्टेशन ने जसोदाबेन को जानकारी देने से इनकार कर दिया था। जसोदाबेन की इस मांग को खारिज करते हुए मेहसाना पुलिस ने कहा था कि यह मामला स्थानीय खुफिया ब्यूरो से जुड़ा है और इस पर आरटीआई ऐक्ट लागू नहीं होता। इसके बाद जसोदाबेन ने इस साल 2 जनवरी को जानकारी हासिल करने के लिए एक और अपील की थी।
कांग्रेस ने पीएम की पत्नी को सूचना नहीं मिलने पर ताना मारा है। इंडियन नैशनल कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा है, ‘इनका हक़ तो मोदी जी ने नहीं दिया, क्या आपको हक़ मिला?’
मेहसाना डिस्ट्रिक्ट पुलिस सूपरिंटेंडेंट जे. आर. मल्होत्रा ने 6 फरवरी 2015 को जसोदाबेन की अपील के जवाब में कहा, ‘आप जो सूचना चाहती हैं वह लोकल इंटेलिजेंस ब्यूरो (एलआईबी) डिपार्टमेंट के तहत आता है। गुजरात सरकार के होम डिपार्टमेंट के सर्कुलर SB/1/102001/8203/GOI dated 25/10/2005 और आरटीआई ऐक्ट 2005 के सेक्शन 19(6) मुताबिक एलआईबी को आरटीआई के तहत सूचना नहीं देने की छूट है।’
इसमें पुलिस ने पीएम की पत्नी को श्रीमती जसोदाबेन, पिता चिमनलाल मोदी कहकर संबोधित किया है। मेहसाना पुलिस ने जवाब में यह भी बताया है, ‘आपको सूचित करना चाहते हैं कि हमलोग जनवरी महीने में अंतर्राष्ट्रीय आयोजन प्रवासी भारतीय दिवस, महात्मा मंदिर में वाइब्रेंट समिट के साथ मकर संक्रांति और गणतंत्र दिवस के कारण सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने में व्यस्त थे। इसलिए वक्त पर जवाब नहीं दे पाए। यदि हमलोग के जवाब से आप असंतुष्ट हैं तो आरटीआई ऐक्ट 2005 के सेक्शन 19 के तहत गांधीनगर में इन्फर्मेशन कमिश्नर के पास अपील कर सकती हैं।’
जसोदाबेन का दावा है कि आरटीआई के तहत जो उन्होंने जानकारी मांगी है उसे नहीं देने का प्रशासन की तरफ से कोई उचित कारण नहीं बताया जा रहा है। पीएम की पत्नी ने मेहसाना पुलिस से स्टेट डिपार्टमेंट के आदेश की वह कॉपी भी मांगी है जिसमें एलआईबी को सूचना नहीं देने की छूट मिली है। जसोदाबेन रिटायर स्कूल टीचर हैं और वह उंझा में अपने भाई के घर पर रहती हैं। उन्होंने मेहसाना पुलिस के इस जवाब पर कहा, ‘मैं गुजरात इन्फर्मेशन कमिश्नर के पास जरूर अपील करूंगी। मार्च महीने में अपील कर दूंगी।’

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