20 साल पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता ओंकार सिंह लखावत ने अजमेर शहर में कांग्रेस का गढ़ ध्वस्त करने के लिए एक बड़ा काम किया। नगर परिषद के वार्डों का परिसीमन अपने हिसाब से किया। तब भैंरोंसिंह शेखावत चीफ मिनिस्टर थे। मैं और मेरे सीनियर एसपी मित्तल परिसीमन की इस पूरी प्रक्रिया पर नजर रखे हुए थे। लखावत साहब स्कैनर लेकर बैठे थे। एक एक गली, एक एक मोहल्ले का बारीकी से स्कैन किया गया। कहां से कितने इलाकों, कितने मतदाताओं को हटाया जाए, नए वार्डों में जोड़ा जाए इस पर लखावत साहब ने बड़ी मेहनत की। जो रणनीति अपनाई जा रही थी उससे साफ था कि सत्ताधारी दल अपने फायदे के लिए अपने हिसाब से कांट छांट कर रहा है। परिसमन की प्रक्रिया पूरी होने के ठीक पहले हमने एक स्टोरी लिखी। इसमें बताया गया कि अबकी बार भाजपा नगर निगम पर काबिज हो जाएगी। परिसीमन के बाद जब पहले चुनाव हुए तो नतीजा वैसा ही आया जैसा लखावत चाहते थे। उन्होंने इस तरह कांट छांट करवाई कि भाजपा ने 20 साल का इंतजाम कर लिया।
अब फिर से परिसीमन प्रस्तावित हो गया है। इस बार लखावत साहब सीन से बाहर हैं। उनका स्थान दो नेताओं शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी और महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल। दोनों ने अपने अपने विधानसभा क्षेत्र में इस तरह कांट छांट करवाई कि कांग्रेसी खेमा ठगा रह गया है। उदाहरण के तौर पर वार्ड 8 को लें। इसमें से भगवान गंज हिरजन बस्ती, सांसी बस्ती हटा कर उस वार्ड में स्थानांतरित कर दी गई हैं जहां भाजपाई विचाराधारा का वोट बैंक ज्यादा रहता है। वार्ड 13 को लें। इसे दो हिस्से में बांट दिया है। वार्ड 24 और 25। एक हिस्सा पूरी तरह ब्राह्मणबाहुल्य तो दूसरा पूरी तरह मुस्लिम बाहुल्य। मुस्लिम बाहुल्य में भी यह ध्यान रखा कि वहां चार बड़े गुट हैं। चारों कभी एक हो नहीं सकते। लिहाजा कांग्रेस घिरी रहेगी।
हर वार्ड पर बारीकी से कैंची फेरी गई है। जब तक कांग्रेसी सिर उठाते भाजपा मुंडन कर चुकी थी। मजे की बात यह है कि वार्डों के नए परिसीमन की प्रक्रिया नगर निगम में हुई, सीईओ, कमिश्नर की देखरेख में हुई। मेयर कमल बाकोलिया को हवा तक नहीं लगने दी गई। परिसीमन की प्रक्रिया से जुड़े श्री बच्चाणी को कई बार दोनों मंत्रियों के घर जाकर कांट छांट करनी पड़ी।
हां, नए प्रस्ताव स्पष्ट करते हैं कि नगर निगम पर भाजपा ने फिर से कब्जा करने का इंतजाम कर लिया है। वो भी अगले परिसीमन तक। जैसा कि पिछले परिसीमन में किया था।
-प्रताप सनकत