नहीं थम रहा टोंक सआदत अस्पताल से रैफर टू जयपुर

Purushottam Joshi
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चाहे फिर सारी चिकित्सा सुविधा होने का टोंक सआदत अस्पताल प्रशासन दावा करते रहे हो लेकिन संवेदनहीन टोंक सआदत अस्पताल के चिकित्सक रोगियों से अपना पिंड छुड़ाते नजर आ आते रहे है….आज भी एक ऐसा ही मामला सामने आया जब मालपुरा जेल से टोंक जेल में शिफ्ट किए एक कैदी तो सोमवार से आज चार दिन मे करीब चार बाद टोंक से जयपुर रैफर किया गया और एसएमएस अस्पताल जयपुर के डॉक्टरों की संवेदनहीनता के चलते वापस दवा देकर टोंक भेज दिया गया…क्या है माजरा देखिए इस खास रिपोर्ट मे
दरअसल मालपुरा जेल में धोखाधड़ी के आरोप में बंद कैदी रतनलाल को बिते दिनों टोंक जेल में शिफ्ट किया गया था ।लेकिन सोमवार को अचानक कैदी की तबियत बिगड़ने पर जेलर रामस्वरूप नकवाल कैदी को लेकर टोंक सआदत अस्पताल पहुंच गए और टोंक के चिकित्सकों का कारनामा देखों बिना जांच किए तुरंत फुरत में जयपुर रैफर कर दिया गया । फिर देखों एसएमएस जयपुर के चिकित्सकों ने भी दवा देकर तुरंत ही टोंक वापस भेज दिया। यह सिलसिला सोमवार को ही खत्म नहीं हुआ। यह बुधवार को और आज गुरूवार को भी जारी रहा। जहां पहले शाम को पहुंचे रोगी रतनलाल को जयपुर रैफर किया गया वहीं देर रात वापस टोंक भेज दिया गया फिर आज टोंक सआदत अस्पात ले डॉक्टरों ने रोगी को जयपुर रैफर कर दिया। जेलर की माने तो रोगी रतनलाल की यह अंतिम स्टेज है जहां उसकी मौत के अलावा कोई उपचार नहीं है। लेकिन क्या ड़ॉक्टरों का फर्ज नहीं है उपचार के सहारे जिंदगी दे। वहीं प्रमुख चिकित्सा अधिकारी एस.एन.वर्मा 200 बेड के अस्पताल को छोटा बता रहे है साथ ही टीबी रोगियों के लिए अलग से वार्ड नहीं होने का हवाला दे मामले से पल्ला झाड़ रहे है। और चार बार रैफर रोगी को दो बार ही बता कर इतिश्री कर रहे है। प्रदेश में ऐसा पहला मामला नहीं है जब डॉक्टरों की संवेदनहीनता उजागर हुई हो। लगातार सामने आ रही डॉक्टरों की लापरवाही और उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं होना इनके हौसले बुलंद कर रहा है। अब देखने वाली बात यह है कि क्या रतनलाल को नई जिंदगी मिल पाएगी या रैफर टू जयपुर और गो टू टोंक के बीच ही दम तोड़ देगा रतन लाल ।
Purushottam Kumar Joshi

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