जयपुर। राज्य सरकार नें एक अधिसूचना द्वारा गांवों में औद्योगिक रूपान्तरण निषेध सीमा को 1500 मीटर से घटाकर 500 मीटर कर दिया है। 15 मीटर की सीमा के कारण गांवों में औद्योगिक रूपान्तरण विगत 10 वर्षों से लगभग बंद था। जलदायमंत्री किरण माहेश्वरी नें ग्रामीण औद्योगिकरण की इस बाधा को दूर करने के लिए विशेष पहल की। उन्होनें मुख्यमंत्री को व्यक्तिशः 1500 मीटर तक औद्योगिक रूपान्तरण से हो रही कठिनाईयों के बारें में अवगत करवाया। राज्य प्रदुषण नियंत्रण मण्डल के नियमों में निषेध परिसीमा 500 मीटर ही है। किन्तु राजस्व नियमों में निषेध परिसीमा 1500 मीटर होने से गांवों में औद्योगिक भू- रूपान्तरण बिल्कूल बंद हो गया था।
राजसमन्द जिले में इस विसंगति के कारण गांवों में मार्बल कटर उद्योग का विकास ठप्प हो गयाथा। कांग्रेस सरकार की गांव एवं गरीब विरोधी नीतियों के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में नए रोजगार सृजन एवं उद्यमिता विकास पर विराम लग गया था। राज्य सरकार नें अब प्रदुषण नियंत्रण नियमों एवं राजस्व नियमों में सुसंगता लाकर इस समस्या का समाधान कर दिया है।