मौत/ मृत्यु /डेथ

sohanpal singh
sohanpal singh
यूँ तो यह कटु सत्य है की जो जीव इस संसार में पैदा होता है उसकी मृत्यु भी निश्चित है परन्तु समय और स्थान निश्चित नहीं होता / अभी आज ३० जुलाई २०१५ को जिन दो भारतीय व्यक्तियों को इस देश की मिट्टी में दफनाया (सुपुर्दे ख़ाक किया) जाएगा उनकी प्रसिद्धि और बदनामी भी पूरी दुनिया में फैली हुयी है फर्क केवल इतना है जहां एक व्यक्ति श्री ए पी जे अब्दुल कलाम, जो एक अंतराष्ट्रीय ख्याति के प्रसिद्ध विज्ञानिक एवं भारत के पूर्व राष्ट्रपति रहने का गौरव प्राप्त है तथा जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन राष्ट्र सेवा में बिताया और आखिरी क्षणों में भी देश की युवा पीढ़ी को ज्ञान का सन्देश देते हुए अपनी आखिरी सांस ली वही दूसरे व्यक्ति याकूब मेमन जो की पेशे से एक चार्टर्ड अकॉउंटैंट जो इस देश की मिट्टी में पला बढ़ा और उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी अपने संकीर्ण मजहबी जनूंनके के कारण देश की सेवा करने के स्थान पर देश से ही गद्दारी कार बैठा ! और भारत की धरती को विस्फोटकों से दहलाने वाले हाथों का खिलौना बन कर आतंकियों का सहायक बन गया और अपने गलत कार्यों के कारण आखिरी में क़ानून के शिकंजे फंस कर मृत्यु को प्राप्त हुआ ।। प्रभु दोनों की आत्मा को शान्ति प्रदान करे.।

error: Content is protected !!