मंगलमूर्ति , विघ्नहर्ता श्री गणेश जी महाराज कीे प्रतिष्ठापना के शुभ मुहू्त ।। ध्यान रखे गणपति पूजन या स्थापना के एक दिन पूर्व सिझारा किया जाता हैं अर्थात छोटे बच्चों को गणेश जी का प्रतिक मानकर उन्हें मेहंदी लगाई जाती हैं।।।
दि .17 / 09 /2015 (गुरुवार)भाद्रपद शुक्ल पक्षीय चतुर्थी।।।
श्री गणेश जयन्ति या गणेश चतुर्थी के लिए मूर्त स्थापना या पूजन के शुभ मुहूर्त—-
प्रातः 06 : 15 मि . से 07 : 45 मि . तक ( शुभ का चौघड़िया रहेगा)
प्रातः 10 : 50 मि . से दो . 12 : 25 मि . तक (चल का चौघड़िया रहेगा)
दोपहर में 12:00 बजे गणेश जन्म की आरती करे । भगवान गणेश का प्राकट्य/ जन्म मध्यान काल का माना जाता हैं इसिलए उनका अवतरण/जयंती या जन्मदिन दोपहर में ही मनाना चाहिए।
यदि किसी कारण से दोपहर 12:00 तक प्रतिष्ठा ना कर सके तो बाद के शुभ मुहूर्त —
दोपहर—12 : 25 मि . से 13 : 55 मि . तक (लाभ का चोघड़िया रहेगा)
दोपहर–13:55 मिनट से 15:25 तक ( अमृत का चौघड़िया रहेगा)
दोपहर— 04: 55 मि . से सायं 06 : 25 मि . तक (शुभ का चौघड़िया रहेगा)
इसमें भद्रा का दोष नहीं माना जाता हैं।। इस चतुर्थी को “कलंक चतुर्थी” भी कहा जाता हैं।। इस दिन या इस तिथि को चंद्र दर्शन निषेध होता हैं।। चंद्रमा को नहीं देखना चाहिए।। यदि अज्ञानता या भूलवश चंद्रदर्शन हो जाये तो स्यमन्तक मणि की कथा सुनने से दोष समाप्त हो जाता हैं।।
पण्डित दयानन्द शास्त्री?09669290067 एवम् ?09039390067
