(आईये हम सब अपनी आवाज को बुलंद करें)
हमें चुप रह कर सहन करने की अपनी सोच को बदलनी होगी। सब अपने आप ही ठीक हो जायेगा-वाली विचारधारा को छोड़ गलत के खिलाफ आपको आवाज उठानी ही पड़ेगी। सही तथ्यों की जानकारी जुटायें, सही लोगों को अपनी बात बतायें, साहस जुटाये अपनी बात सही रूप से प्रस्तुत करने का।
सही बात हमेशा सही और गलत कुछ देर के लिऐ किसी विशेष परिस्थिति में सही बनाई जा सकती है, पर अन्ततः वह हमेशा गलत ही साबित होगी। सच का साथ ना छोडे़ं। क्या कोई मेरा साथ देगा-यह मत सोचिय । सबसे बड़ा साथी तो सच है, आप के साथ। फिर आपको किसी ओर के साथ ही क्या जरूरत। हर चुनौती का सामना करने के लिए अपने आपको सक्षम बनाईए। जो आपके साथ गलत कर रहे हैं उनसे डरना छोड दें, अपने अंदर के आत्मविश्वास की रोशनी उन्हें दिखा कर तो देखिये।
कई लोग जिन्दगी भर अपने पर हो रहे अत्याचार या गलत कार्य को अपना भाग्य या तकदीर मानने की भूल कर बैठते हैं। आत्मकुंठा के अलावा उन्हें कुछ हासिल नहीं होता और गलत कार्य करने वालों के हौसलें और मजबूत हो जाते हैं, जिनका समाज पर घातक प्रभाव पड़ता है।
मार्ग कठिन है, रास्ते में मुशकिलें बहुत आयेगी पर आप डरें नहीं, आगे बढें, आज से, अभी से मेरे इस वाक्य को मूल मंत्र बना लें-‘बस अब बहुत हुआ’
मेरी सलाह है कि स्कूल या कॉलेज स्तर पर ही बच्चों को इस मूल मंत्र का पाठ सिखाया जाना चाहिये ताकि वे गलत कार्य को होने से रोक सकें। सच का साथ देकर वे अपना, समाज व देश का विकास और नाम रोशन कर सकें।
बलराम हरलानी
लेखक का परिचय – एक सफल व्यवसायी, कृषि उपज मंडी के डायरेक्टर, समाज सेवी, पूर्व छात्र सेंट ऐन्सलमस अजमेर।
E-mail : balram.harlani@yahoo.com