भारत विकास परिषद की कार्यशाला संपन्न

भारत विकास परिषद संगठन में संपर्क की महत्ता विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सीताराम पारीक ने परिषद की विचारधारा में संपर्क को सबसे महत्वपूर्ण बताते हुये कहा कि जिस तरह संपर्क समाज के हर क्षेत्र में आवश्यक है उसी तरह सहयोग संस्कार और सेवा के लिए संपर्क आवश्यक है उन्होनें परिषद की अजमेर शाखा के सदस्यों को बधाई देते हुये कहा कि संगठन भारत के सामाजिक सांस्कृतिक नैतिक और अध्यात्मिक विकास के श्रेष्ठ कार्य कर रहा है उन्होनें आशा व्यक्त की आने वाले समय में अजमेर की तीनों शाखऐं सेवा के क्षेत्र में समर्पण भाव से कार्य करते हुए नये कीर्तिमान स्थापित करेगी।
मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुये सुनील जैन ने कहा कि संपर्क का अर्थ हेै डोर टू डोर, फेस टू फेस और हार्ट टू हार्ट मिलन। उन्होनें कहा कि सेवा के लिए समर्पण भाव से कार्य करने हेतु सहृदयता से संपर्क पहली सीढी है। समाज के सक्षम और प्रबुद्ध वर्ग को पीड़ित मानव के उद्धार के लिए सम्पर्क द्वारा ही प्रेरित किया जा सकता है।
शाखा अध्यक्ष डॉ सुरेश गाबा ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया तथा विगत 25 सालों में किये गये सेवा कार्यो का ब्यौरा दिया पृथ्वीराज शाखा के सचिव डॉ सुरेन्द्र अरोड़ा और युवा शाखा के आशीष गार्गीया ने अपनी अपनी शाखओं के प्रतिवेदन प्रस्तुत किये।
इससे पूर्व अंध विद्यालय के विद्यार्थीयों द्वारा गीत प्रस्तुत किया उससे पूर्व राजस्थान मध्य प्रान्त के अध्यक्ष मुकुन सिंह राठौड़, महासचिव दिनेश कोगटा एवं अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की गई। इस अवसर पर परिषद के प्रान्तीय पदाधिकारी राजेन्द्र कोठारी, कैलाश अजमेरा, गोविन्द अग्रवाल, मुकुट बिहारी मालपानी, विजय शर्मा, मोहन खण्डेलवाल, दिलीप पारीक, भारत भूषण बंसल, संजय शर्मा उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन शरद गोयल ने किया।

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