क्या भारत के प्रधान मंत्री जी सरकारी नौकर है ?

sohanpal singh
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यह बात अलग है की भारतीय निर्वाचन कानून के लोक सभा के लिए चुने हुए प्रतिनिधि ( सबसे बड़ी पार्टी के संसद सदस्य ) अपने नेता का चयन करते है और फिर उसको राष्ट्रपति जी प्रधान मंत्री मनोनीत करते हैं ! एक बार प्रधान मंत्री की सपथ लेने के बाद वह व्यक्ति 5 वर्ष या संसद की अवधि के लिए प्रधान मंत्री नियुक्त होता है ! विशेष परस्थितियों में जैसे संसद का विशवास मत प्राप्त न होने पर या स्वयं त्याग पात्र देने तक वह अपने पद और सरकारी सुविधाओं का उपयोग करने में सक्षम है ? गृह मंत्रालय भारत सरकार का कार्मिक एवं प्रशिक्षण (DOP&T) जो भारत एवम् विदेश में तैनात सभी सरकारी कर्मचारियो के लिए नियम और कायदे बनाता है और सरकारी कर्मचारियों पर नियंत्रण रखता है ! ये विभाग प्रधानमंत्री और उसके मंत्रिमंडल के सहयोगी मंत्रियों एवं संसद का सदस्यों की सरकारी सुविधाओं एवम् वेतन भत्ते के आदेश भी जारी करता है ?

इस लिए भले ही भारत का प्रधान मंत्री किसी पार्टी का नेता या सदस्य होता है चूँकि एक निश्चित अवधि के लिये जब वह प्रधान मंत्री नियुक्त किया जाता है तो जब वह सरकारी सुविधाओं का उपयोग प्राप्त करते हुए सरकारी कर्मचारी के बराबर ही होता है ? इस लिए जब कोई सरकारी कर्मचारी पद पर रहते सरकारी खर्चे पर अपने निजी या पारिवारिक कार्य संपन्न करने के लिए अधिकृत नहीं है तो फिर केंद्रीय मंत्री और प्रधान मंत्री सरकारी सुविधाओं का उपयोग अपनी पार्टी के प्रचार प्रसार और चुनावी सभाओं के लिए किस नियम और कायदे से करते है ! क्या यह देश की गरीब और निराश्रित जनता का अपमान नहीं है जिस पैसे से उनका उद्धार हो सकता है वह पैसा निजी स्वार्थ में खर्च होता है ? क्योंकि देखने में आ रहा है की प्रधान मंत्री जी बिहार चुनाव के अंतर्गत एक दिन में चार चार चुनावी सभाएं कर रहे है ? जो सरकारी पद और धन दोनों का ही दुरपयोग हो रहा है ? निश्चित ही इस पर रोक लगनी चाहिए ?

एस पी सिंह, मेरठ !

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