शिवराज जी के 10 साल, जो रहे बेमिसाल

Shivraj singh-ललिता यादव, विधायक-छतरपुर- शिवराज सिंह चौहान ने 10 साल पहले 27 नवंबर 2005 को जब मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो आम जनमानस के मन में कई तरह की शंकाओं के बादल घुमड़ रहे थे। इसकी वजह भी थी क्योंकि मुख्यमंत्री बनने के पहले वे मंत्री या और कोई प्रशासनिक उत्तरदायित्व निभाने वाले पद पर नहीं रहे। लेकिन उन्होंने अपनी क्षमता चंद दिनों में दिखा दी। शिवराज जी ने लाड़ली लक्ष्मी, कन्यादान योजना जैसी अनेकानेक अनूठी योजनाएं बनाकर लोगों का दिल जीत लिया। मध्य प्रदेश की इन योजनाओं की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना हुई और कई राज्यों ने इन्हें अपनाकर अपने यहां लागू किया है।
सरल, सहज, मिलनसार और हंसमुख स्वभाव के धनी शिवराज किसान के बेटे हैं। उन्होंने किसानों की पीड़ा केवल देखी नहीं बल्कि उसे भोगा भी है। इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के बाद खेती-किसानी को फायदे का धंधा बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए और अभी भी कर रहे हैं। शिवराज जी की कोशिशों का नतीजा है कि मध्य प्रदेश गेहूं उत्पादन में लगातार अव्वल रहा और उसे कृषि कर्मण अवार्ड से सम्मानित किया गया। प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के पहले तक प्राकृतिक आपदा होने पर किसानों को राहत के नाम पर झुनझुना पकड़ा दिया जाता था। लेकिन मुख्यमंत्री जी ने राजस्व पुस्तक परिपत्र के नियमों में संशोधन कर किसानों को नुकसान का पर्याप्त मुआवजा दिलाने के प्रबंध किए।
शिवराज जी के मुख्यमंत्री के रूप में 10 साल के कार्यकाल में छतरपुर जिले के विकास को नए आयाम मिले हैं। उन्होंने छतरपुर को महाराजा छत्रसाल बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, नौगांव में शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय तथा जिला चिकित्सालय छतरपुर को उन्नत कर 268 बिस्तर का करने की सौगात दी है। इसके साथ ही बड़ामलहरा, चंदला, राजनगर में शासकीय महाविद्यालय खोले गए हैं। इस दौरान छतरपुर जिले के बरेठी को नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) की सौगात का जिक्र न करना बेमानी होगी। एनटीपीसी के इस प्लांट को उत्तर प्रदेश में लगाने का विचार चल रहा था लेकिन शिवराज जी के प्रयासों से उसे न केवल मध्य प्रदेश लाया गया बल्कि उद्योग शून्य छतरपुर जिले में जमीन देकर स्वीकृत भी कराया गया। एनटीपीसी का प्लांट शुरू हो जाने से बिजली का उत्पादन होने के साथ कई लोगों को रोजगार मिलेगा तथा इस प्लांट से संबंधित सहायक उद्योग लग सकेंगे। जिले में सैकड़ों लघु सिंचाई परियोजनाएं भी प्रारंभ हुई हैं जिससे सिंचाई का रकवा बढ़ा है।
एक समय था जब मध्य प्रदेश की सडक़ें खस्ताहाल थीं और बिजली आने-जाने का कोई वक्त मुकर्रर नहीं था। लेकिन शिवराज सरकार ने इस कलंक को धो दिया है। आज मध्य प्रदेश में 24 घंटे बिजली आपूर्ति होना सबसे बड़ी उपलब्धि है। सडक़ों के मामले में शहर को या गांव हर जगह चकाचक रोड बन गए हैं। नेशनल हाईवे से लेकर स्टेट हाईवे तक गजब की सडक़ें बन गई हैं। जिससे आवागमन सुलभ हुआ है और यात्रा के समय में बचत हुई है। छतरपुर जिला भी इसका अपवाद नहीं है। छतरपुर से निकले तीनों नेशनल हाईवे पहले से बहुत अच्छी हालत में हैं। जिले से रीवा-ग्वालियर, सागर-कानपुर और झांसी-मिर्जापुर नेशनल हाईवे निकले हैं।

ललिता यादव
ललिता यादव
विश्वविद्यालय, इंजीनियरिंग कॉलेज और महाविद्यालयों की सौगात से छतरपुर शिक्षा का हब बनजा ता रहा है। गांवों में नए-नए प्राइमरी, मिडिल, हाईस्कूल और हायर सेकेंड्री स्कूल या तो खुल गए हैं या उनका उन्नयन हुआ है। पढ़ाई के साथ खेलों के प्रति रुझान बढ़ाने खेल मैदान और स्टेडियम विकसित हुए हैं।
कुल मिलाकर शिवराज सिंह चौहान के 10 साल प्रदेश और छतरपुर जिले के लिहाज से बेमिसाल रहे हैं। गांवों और कस्बों के विकास के प्रति उनका नजरिया इस विकास की ओर गति देगा।
news sent by santosh gengele

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