पढ़ाई के मानसिक तनाव के कारण बना सुसाइड पॉइंट

कोटा में फिर एक छात्र ने की आत्महत्या

हेमेन्द्र सोनी
हेमेन्द्र सोनी
कोटा शहर पुरे देश में शिक्षण व्यवस्था में अपनी एक अलग पहचान रखता हे । विदेशो सहित पुरे देश में सरकारी और प्राइवेट नोकरियो में कोटा से निकले विद्यार्थियो ने अपना मुकाम हासिल किया हे ।
यहाँ की शिक्षा की गुणवत्ता के कारण ही यहाँ कई बड़े बड़े कोचिंग इंस्टिट्यूट ने अपनी पहचान बनाई हे यहाँ पे देश ही नहीं विदेशो से भी शिक्षा ग्रहण करने विद्यार्थी आते हे । प्रत्येक माँ बाप अपने लाडले को यहाँ अपने सपने साकार करने के लिए छोड़ के जाते हे और उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हो उसके भी सभी इंतजाम करते हे ।
पिछले कुछ महीनो से देखा जा रहा हे की कोटा का वातावरण बिगड़ता जा रहा हे जो विद्यार्थी यहाँ रह के पढ़ाई करते हे वह पता नहीं किस मानसिक दबाव में रहते हे जिस कारण आत्महत्या जेसे केस सामने आने लगे हे । पिछ्ले कुछ महीनो से इनमे इजाफा देखने को मिला हे ।
अध्ययन का बोझ हे या कोई और कारण यह तो जांच का विषय हे ।
बच्चों में बढ़ रही आत्महत्या की प्रवर्ति से वहा पढ़ने वाले बच्चों का मानसिक रूप से तनावग्रस्त होना स्वाभाविक हे । इस कारण माँ बाप की बेचैनी बढ़ना शुरू हो जाती हे उन्हे अपने बच्चों की चिंता सताने लग जाती हे ।
अगर यही हालात रहे और आत्महत्या की घटनाये इसी तरह बढ़ती रही तो वहा का कोचिंग व्यवसाय भी प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता ।
पुलिस को चाहिए की ऐसी घटनाओ की पुनरावृति ना हो इसके लिए कोचिंग इंस्टिट्यूट के साथ मिल के समय समय पे बच्चों के साथ दोस्ताना माहोल में चर्चा कर उनकी समस्या को सुन कर उनका होंसला बढाने का प्रयास करना चाहिए ।
यह एक गंभीर विषय हे इस पे सभी सम्बंधित पक्षो को विचार करना होगा ।
हेमेन्द्र सोनी @ ब्यावर

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