प्रस्तावित पाठ्यक्रम राजस्थान के परिप्रेक्ष्य में हो- चौधरी

bser 450अजमेर 14 दिसम्बर। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. बी.एल. चौधरी ने पुस्तक लेखकों का आह्वान किया है कि कक्षा 9 व 11 में अगले सत्र से लागू किया जाने वाला प्रस्तावित पाठ्यक्रम राजस्थान के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश की सामाजिक, भौगोलिक और संस्कृति का विद्यार्थी को बोध कराये। प्रस्तावित पाठ्यक्रम देश के अन्य शिक्षा बोर्डाें के पाठ्यक्रम से बेहतर और नवीनतम हो ताकि राजस्थान का विद्यार्थी उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षा में खरा उतरे।
प्रो. चौधरी सोमवार को बोर्ड के राजीव गांधी भवन में अंग्रेजी, हिन्दी और सामाजिक विज्ञान विषयों की पाठ्यक्रम समिति के सदस्यों और इन पुस्तकों के लेखकों की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने लेखकों से कहा कि नई पुस्तके पूर्णतयः मौलिक हो और किसी भी पूर्ववती लेखक के कॉपीराइट का उल्लंघन न हो।
बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि नई पुस्तकें राष्ट्रीय एकता, सहिष्णुता, सार्वभौमिकता, शांति व सद्भावना का भी संदेश दे। ऐसे व्यक्तियों को पुस्तकों में कोई स्थान नहीं दिया गया है, जिन्होंने देश की सर्वस्वीकार्यता को आत्मसात् करने की क्षमता, स्वतंत्र तथा सहिष्णु सभ्यता को कभी न कभी चुनौती दी हो। पुस्तकों में ऐसी सामग्री सम्मिलित नहीं की जाये जो जातिवाद, साम्प्रदायिकता तथा सामाजिक कुरीतियों यथा- सती, दहेज, विधवा-विवाह का विरोध, बाल श्रम को महिमा मण्डित करने अथवा बढ़ावा देने वाले हों।
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में समाज के सभी वर्गों, जातियों और धर्मों का समभाव आदर करते हुए पुस्तक लेखन एक चुनौति पूर्ण कार्य है। लेखक अपने विशाल दृष्टिकोण से नवाचारों को अपने लेखन में सम्मिलित करते हुए अपनी कृति का निर्माण करें। बोर्ड की पुस्तके पिछले कई दशकों से प्रशासनिक सेवाओं की परीक्षा की तैयारी करने वाली के लिए मूलाधार रहीं है।
बैठक में बोर्ड की सचिव श्रीमती मेघना चौधरी, निदेशक (शैक्षिक)-डॉ. भानूप्रताप सिंह, वरिष्ठ सहायक निदेशक-डॉ. मनोज उपाध्याय, श्रृव्य-दृश्य विभाग के सहायक निदेशक-हनुमान सिंह राठौड़ सहित कई अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

-राजेन्द्र गुप्ता, उप निदेषक (जनसम्पर्क)

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