सपा सांसद ने उप्र की अवाम को सजग करते हुए कहा कि एक ओर प्रदेश के मुखिया के रूप में कर्मयोगी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जी हैं जिन्होंने अपने पिता माननीय मुलायम सिंह यादव जी के पद चिन्हों पर चलते हुए किये गए अपने चुनावी वायदों को पूरा करने की झड़ी लगा दी है और भारतीय राजनीत को यह सन्देश दिया है कि चुनावी वायदे मात्र चुटकुले नहीं होते बल्कि जनता की तकलीफों के निराकरण का अस्त्र होते हैं ! और जनता जनार्दन की अदालत में वचन के रूप में किये गए चुनावी वायदे पूरा करना नेता का कर्तव्य होता है ! दूसरी ओर अखिलेश यादव साहब के सामने उसी उप्र की बनारस की सरज़मीन से जीतकर आने वाले निरंजन ज्योति के नेता वह नरेंद्र मोदी जी हैं जिनके सिपहसालार ने चुनाव में किये गए वायदों को मात्र चुनावी जुमला कह कर जनता को आहत किया है !
चौधरी ने अपने बयान में साध्वी निरंजना ज्योति से स्वयं के लोकसभा क्षेत्र और देश में मंत्री के रूप में अपने विभाग में किये गए कार्यों का हिसाब मांगते हुए कहा कि अब ज़माना गया जब मात्र मो.आज़म खान साहब को निशाना बना कर सांप्रदायिक धुर्वीकरण का कोई प्रयास सफल हो सकेगा ! सपा सांसद ने निरंजना ज्योति को सीख देते हुए कहा कि उन्हें मो.आज़म खान साहब का नाम धुर्वीकरण के लिए इस्तेमाल करने के बजाये आज़म साहब के विभाग द्वारा मथुरा,बनारस और अयोध्या में किये गए कार्यों की समीक्षा कर उससे स्वयं को सीख लेना चाहिए !
चौधरी मुनव्वर सलीम ने चुनावों के दौरान भाजपा नेताओं के किये गए वायदों को झूठ का पुलंदा बताते हुए कहा कि देश में आज भी अंतराष्ट्रीय रिपोर्ट के मुताबिक 19 करोड़ 64 लाख रात को भूखे सोते हैं,तेज़ सर्दी के दिनों में दर्जनों लोग ठण्ड से मर जाते हैं,गर्मी के दिनों में असुविधा के कारण लू से मर जाते हैं,7 करोड़ लोग गंदा पानी पीने से पेट की गंभीर बीमारियों का शिकार हो चुके हैं,देश की 60 फीसद धरती असिंचित है और 1 करोड़ से ज़्यादा बच्चे सड़कों पर भीख मांगने को मजबूर हैं मुल्क के ऐसे हालात में निरंजना ज्योति को मो.आज़म खान साहब को निशाना बना कर राजनीत करने के बजाए उप्र की अखिलेश यादव जी की सरकार से उपेक्षित समाज के उद्धार की सीख लेना चाहिए और लोगों की तकलीफों का निराकरण करना चाहिए !
चौधरी मुनव्वर सलीम
