पाकिस्तान में बसे हिंदुओं पर कथित अत्याचार को लेकर दो दिन पहले इस्लामाबाद में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हुई वार्ता को अभी अधिक दिन भी नहीं बीते थे कि पाकिस्तान के सिंध और हैदराबाद प्रांत में रहने वाले हिंदू परिवारों के 171 लोग पलायन कर भारत आ गए हैं।
सीमा पर तारबंदी के बाद यह पहला मौका है जब एक साथ इतने लोग पाकिस्तान छोड़ कर आए हैं। थार एक्सप्रेस से रविवार को ये लोग जोधपुर पहुंचे। इनमें सौ से ज्यादा महिलाएं और बच्चे हैं। फिलहाल उन्होंने जोधपुर में एक मंदिर के पास खुले आसमान के नीचे अस्थायी डेरा डाला है। ये सभी धार्मिक वीजा लेकर आए हैं, लेकिन अब कभी पाकिस्तान लौटना नहीं चाहते। इन लोगों ने बताया कि आने वाले फेरों में और भी लोग पाकिस्तान छोड़ कर आने वाले हैं।
इन लोगों का कहना है कि वहां हिन्दुओं को बहुत परेशान किया जाता है। इधर हिंदुस्तानी बनने की खातिर आए पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता मिलने की उम्मीद अब जगी हैं। सात साल से भारतीय नागरिकता का इंतजार कर रहे परिवारों की मुरादें अब जल्द ही पूरी होगी।
केन्द्र सरकार ने समूचे प्रदेश में रह रहे पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता देने को हरी झंडी दे दी है। यह प्रक्रिया अगले दिनों में शुरू होगी। इस प्रक्रिया से राज्य के बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर और गंगानगर समेत विभिन्न जिलों में दशकों से नागरिकता की बाट जोह रहे लोगों की उम्मीदों को पंख लगे हैं।
पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता देने की यह प्रक्रिया सात साल बाद शुरू होने जा रही है। पहले वर्ष 2004 में शिविर लगाकर लोगों को भारतीय नागरिकता दी गई थी। इसके बाद वर्ष 2005 में पाक विस्थापितों से आवेदन मांगे गए। किन्हीं कारणों के चलते प्रक्रिया रोक दी गई। हाल ही केन्द्र सरकार ने यह प्रक्रिया फिर शुरू करने का निर्णय लिया।
सरकार ने प्रशासन से प्रभावित व्यक्तियों के आवेदन ऑनलाइन भेजने को कहा है। यह तय किया है कि चूंकि सभी व्यक्ति सात साल पहले ही आवेदन और दस्तावेज जमा करा चुके हैं। ऐसे में उनसे दोबारा आवेदन नहीं लिए जाएंगे। इसके बजाय तहसीलों से संबंधित बाबू को आवेदन और दस्तावेजों के साथ बुलाया जाएगा और आवेदनों की ऑनलाइन फीडिंग कराई जाएगी। यह काम 12 सितंबर से शुरू होगा और 14 सितंबर तक चलेगा। कर्मचारियों को दस्तावेजों के साथ बुलाया गया है।
सभी कर्मचारी मुख्यालय स्थित सूचना विज्ञान केन्द्र कार्यालय में ऑनलाइन आवेदन भराएंगे। लंबे इंतजार के बाद नागरिकता की प्रक्रिया शुरू होने से सरहदी जिलों के सैकड़ों की हिन्दुस्तानी बनने का सपना साकार होगा। भारतीय नागरिकता मिलने से इन व्यक्तियों को भारतीय नागरिक का दर्जा मिल जाएगा। इनके राशन कार्ड, मतदाता पहचान-पत्र, पासपोर्ट, आधार कार्ड सहित तमाम सरकारी दस्तावेज बन सकेंगे, साथ ही ये व्यक्ति सरकार की सभी सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।
केन्द्र सरकार ने फर्जीवाडा रोकने और पूरी प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए इस बार सारी प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी है, यानी आवेदन से लेकर रिपोर्ट भेजने तक का सारा काम ऑनलाइन होगा।
सरकार आवेदनों की जांच करके भारतीय नागरिकता जारी करेगी, फिर प्रशासन नागरिकता के प्रमाण-पत्र संबंधित व्यक्तियों तक पहुंचाएगा। इस बारे में बाड़मेर के कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान का कहना है कि ‘केन्द्र सरकार ने पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता देने के निर्देश दिए हैं। इनके आवेदनों की ऑनलाइन फीडिंग करके सरकार को भेजी जाएगी।