संवेदनहीनता की पराकाष्ठा

कीर्ति पाठक
कीर्ति पाठक
अजमेर में एक ही रात में 5 नवजात शिशुओं का मर जाना हमारे आज के समाज में व्याप्त संवेदनहीनता की पराकाष्ठा को दर्शाता है …
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि लापरवाही हुई हो …
मुद्दे की बात तो ये है कि लापरवाही होती है ,
किसी कमज़ोर पर ठीकरा फोड़ा जाता है ,
राजनीति होती है ,
मुआवज़ा माँगा और दिलवाया और दिया जाता है …
परंतु
जवाबदेही नहीं ठहराई जाती …
लीपापोती होती है और दोषी निर्दोष छूट जाते हैं …..
पर जनता नहीं चेतती …..
अब तो चेत जाइए …
मुआवज़ा जवाबदेही व्यक्ति या व्यक्तियों से वसूल करवाइये, जनता के टैक्स के पैसे से नहीं ….
देखना सब धीरे धीरे ढर्रे पर आने लगेगा ….
बस इन की स्वयं की जेब से मुआवज़ा निकलवाइये ….

kirti pathak

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