अस्पताल प्रशासन ने किए बच्चों को बचाने के हरसंभव प्रयास

अजमेर 15 मई। राजकीय जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय के शिशु रोग विभाग में 5 बच्चों की मृत्यु के मामले में चिकित्सालय प्रशासन द्वारा गठित जांच समिति ने प्रारम्भिक जांच पूरी कर ली है। चिकित्सकों द्वारा अलग-अलग समयों में भर्ती कराए गए गम्भीर रूप से बीमार बच्चों को बचाने का हरसंभव प्रयास किया गया। चिकित्सालय प्रशासन ने बच्चों के भर्ती होने के साथ ही उनका उचित उपचार शुरू कर दिया था। सभी बच्चे बाहर से रैफर कर यहां भर्ती कराए गए। सभी बच्चे सामान्य से कम वजन के थे। इन्हें भर्ती करते ही आईसीयू में उपचार प्रारम्भ किया गया। सभी को भर्ती करने के साथ ही लाईफ सपोर्टिंग सिस्टम पर रखा गया था। बच्चों की मृत्यु उनकी गम्भीर बीमारी के कारण हुई। किसी भी बच्चे में जलजनित रोग या अस्पताल से संबंधित इन्फेकशन नहीं पाया गया।
जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. पी.सी.वर्मा ने बताया कि आज शिशु रोग विभाग में भर्ती बच्चों की मृत्यु के मामले सामने आने पर जांच कमेटी गठित की गई। इस कमेटी में मेडिकल कॉलेज के अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. राजेश पाठक, मेडिसीन विभाग के अध्यक्ष डॉ. एच.सी बड़जात्या एवं फार्मोकॉलोजी के विभागाध्यक्ष डॉ. सुनिल माथुर की जांच कमेटी गठित की गई। इस कमेटी ने अपनी प्रारम्भिक जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है।
उन्होंने बताया कि चिकित्सालय में केरिया नसीराबाद की रहने वाली नानी के नवजात शिशु को 11 मई को दोपहर 2 बजकर 58 मिनट पर फैफडों के आसपास हवा भर जाने पर गम्भीर रूप से बीमार अवस्था में भर्ती कराया गया। उसे पीएमओ नसीराबाद से जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय रैफर किया गया। यहां उसे वेंटीलेटर पर रखा गया था। भर्ती कराए जाते समय उसका वजन 2 किलो 240 ग्राम था। नवजात करीब साढ़े तीन दिन तक भर्ती रहा। गम्भीर रूप से बीमार होने के कारण उसकी मृत्यु हुई।
उन्होंने बताया कि जमालपुरा ब्यावर की सविता के 7 दिन के बच्चे को 13 मई को रात्रि 10 बजकर 57 मिनट पर भर्ती कराया गया। उसे सैप्टीसीमिया बीमारी से ग्रस्त होने पर गम्भीर रूप से बीमार अवस्था में पीएमओ ब्यावर से अजमेर रैफर किया गया। अजमेर में उसके उपचार का पूरा प्रास किया गया लेकिन यह शिशु मात्रा दो घण्टे जीवित रहा। भर्ती कराते समय शिशु का वजन एक किलो 800 ग्राम था।
डॉ. वर्मा ने बताया कि रिछमालिया पीसांगन की मनोहर के 7 दिन के बच्चे को 14 मई को शाम 6.37 बजे पीसांगन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से रैफर करने के बाद जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। यह शिशु समय पूर्व जन्मा बच्चा था। संास लेने में तकलीफ की गम्भीर अवस्था में इसे चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। शिशु को भर्ती कराते समय उसका वजन 2.19 किलो था। गम्भीर रूप से बीमार होने के कारण बच्चे की मृत्यु हुई।
इसी तरह जैतारण पाली की रहने वाली सीमा के 5 दिन के बच्चे को फैफड़े में उल्टी के कारण हुए संक्रमण से गम्भीर बीमार होने पर 14 मई को शाम 4.34 बजे भर्ती कराया गया। इस बच्चे को मेड़ता के एक निजी अस्पताल से अजमेर के लिए रैफर किया गया था। बच्चे का वजन 2.5 किलो था। भर्ती कराने के बाद से ही इस शिशु की स्थिति गम्भीर बनी हुई थी। इसी कारण बच्चे की मृत्यु हुई।
अस्पताल अधीक्षक डॉ. वर्मा ने बताया कि बागुदर, जहाजपुर भीलवाड़ा की रहने वाली ममता के 4 दिन के बच्चे को 14 मई को रात 11.17 बजे तेज बुखार एवं अन्य जटिलताओं के कारण गम्भीर रूप से बीमार अवस्था में भर्ती कराया गया। यह बच्चा भीलवाड़ा के जिला चिकित्सालय से अजमेर रैफर किया गया था। गम्भीर अवस्था में भर्ती करने के करीब 5 घण्टे बाद इसकी मृत्यु हुई।
डॉ. वर्मा ने बताया कि यह सभी बच्चे गम्भीर रूप से बीमार अवस्था में चिकित्सालय लाए गए थे। सभी बच्चे बाहर से रैफर कर यहां भर्ती कराए गए। सभी बच्चे सामान्य से कम वजन के थे। इन्हें भर्ती करते ही आईसीयू में उपचार प्रारम्भ किया गया। सभी को भर्ती करने के साथ ही लाईफ सपोर्टिंग सिस्टम पर रखा गया था। चिकित्सकों द्वारा इनके उपचार में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती गई। बच्चों की मृत्यु उनकी गम्भीर बीमारी के कारण हुई। किसी भी बच्चे में जलजनित रोग या अस्पताल से संबंधित इन्फेकशन नहीं पाया गया।

जिला कलक्टर ने किया निरीक्षण, जांच कमेटी गठित करने के निर्देश
जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय में मरीज बच्चों की मौत का मामला

7e979e2a-5da3-4cd7-9ae9-678b83d93cfdअजमेर 15 मई। जिला कलक्टर श्री गौरव गोयल ने जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय के शिशु वार्ड में भर्ती रोगी बच्चों की मौत के बाद आज अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने शिशु वार्ड के प्रभारी से जानकारी ली। जिला कलक्टर ने वार्ड में भर्ती मरीज बच्चों के परिजनों से भी मुलाकात की एवं उन्हें भरोसा दिलाया कि घबराने वाली कोई बात नहीं है। चिकित्सक पूरी गम्भीरता से अपना कार्य कर रहे हैं।
जिला कलक्टर श्री गोयल आज प्रातः जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय पहुंचे एवं शिशु रोग वार्ड का निरीक्षण किया। उन्होंने चिकित्सालय अधीक्षक एवं शिशु रोग वार्ड के प्रभारी अधिकारी से अस्पताल में शिशु रोगियों की मौत के मामले में जानकारी ली। जिला कलक्टर ने औषधि नियंत्राण विभाग अधिकारियों को निर्देश दिए कि शिशु रोग विभाग में रोगियों को दी गई सभी दवाईयां आईसोलेट कर दें एवं जांच करें कि कोई दवाई अवधि पार तो नहीं हैं। उन्होंने रात्रि में डयूटी पर तैनात चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टाफ की भी जानकारी ली।
श्री गोयल ने इसके पश्चात वार्ड में भर्ती सभी बच्चों और उनके परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने सभी से कहा कि आपको किसी तरह घबराने की आवश्यकता नहीं हैं। चिकित्सालय के सभी चिकित्सक वरिष्ठ एवं अनुभवी हैं। वे अपने कार्य को पूरी गम्भीरता से सम्पादित कर रहे हैं।

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