उन्होंने बताया कि न्याय आपके द्वार शिविरों में उपखण्ड स्तर पर खाता दुरूस्तीकरण के 3 हजार 572 कार्य किए गए। इनमें से अजमेर मुख्यालय द्वारा 558, केकडी द्वारा 446, किशनगढ़ द्वारा 889, नसीराबाद द्वारा 439,पीसागंन द्वारा 112, ब्यावर द्वारा 2, भिनाय द्वारा 189, मसूदा द्वारा 360, रूपनगढ़ द्वारा 74, सरवाड़ द्वारा 284 खाते दुरूस्त किए गए। उपखण्ड अधिकारी केकड़ी द्वारा 6, अजमेर द्वारा 12, किशनगढ़ द्वारा 7, नसीराबाद द्वारा 6, पीसांगन द्वारा 4, ब्यावर द्वारा 6, भिनाय द्वारा 2, मसूदा द्वारा 69, रूपनगढ़ द्वारा 2, सरवाड़ द्वारा 6 विभाजन के कार्य किए गए। जिले में सर्वाधिक खातेदारी घोषणा रूपनगढ़ में 38 की गई। जबकि अजमेर में 23, केकड़ी में 19, किशनगढ़ में 8, नसीराबाद और सरवाड़ में 14-14, पीसांगन में 3, ब्यावर में 16, भिनाय में 5 और मसूदा में 17 खातेदारी घोषणाए की गई। स्थायी निषेधाज्ञा के 7-7 प्रकरण किशनगढ़ और सरवाड़ में, 6 प्रकरण केकड़ी में, 3-3 प्रकरण अजमेर, नसीराबाद, पीसांगन में तथा 2-2 प्रकरण भिनाय और रूपनगढ़ में निस्तारित किए गए। जिले में ईजराय के 2 हजार 397 मामलों मे से 849, अजमेर, 4 केकड़ी, 883 किशनगढ़, 447 नसीराबाद, 4 ब्यावर, एक मसूदा, 110 रूपनगढ़ और 99 सरवाड़ में निस्तारित हुए। धारा 251 के अन्तर्गत अजमेर और रूपनगढ़ में 2-2, नसीराबाद और भिनाय में एक-एक काश्तकारों को रास्ता प्रदान कर राहत दिलायी गई।
उन्होंने बताया कि केकड़ी में 15, किशनगढ़ मं 3, भिनाय में 5, नसीराबाद में 2, अजमेर और पीसांगन में एक-एक स्थानों पर पत्थर गढ़ी की गई। शिविरों में अजमेर मे 16, केकड़ी में 12, किशनगढ़ में 27, नसीराबाद में 9, पीसांगन में 6, ब्यावर में 17, भिनाय में 11, मसूदा में 18, रूपनगढ़ में 3 तथा सरवाड़ में 21 अन्य धाराओं के प्रकरणों को निस्तारित किया गया।
उन्होंने बताया की तहसीलदार स्तर पर नामांतरण के सर्वाधिक प्रकरण मसूदा द्वार 852 निस्तारित किए गए। इसी अवधि में तहसीलदार अजमेर द्वारा 314, अरांई द्वारा 516, किशनगढ़ा द्वारा 641, केकड़ी द्वारा 362, टॉटगढ़ द्वारा 133, नसीराबाद द्वारा 743,पीसांगन द्वारा 317, पुष्कर द्वारा 676, विजयनगर द्वारा 291, भिनाय द्वारा 347, रूपनगढ़ द्वारा 178, सरवाड़ द्वारा 550 तथा सांवर द्वारा 272 नामांतरण धारा 135 के अन्तर्गत निस्तारित किए गए खाता दुरूस्ती के 228 अजमेर द्वारा, 365 अरांई द्वारा, 266 किशनगढ़ द्वारा, 7 केकड़ी द्वारा, 228 टॉटगढ़ द्वारा, 46 नसीराबाद द्वारा, 112 पीसांगन द्वारा, 554 पुष्कर द्वारा, 53 बिजयनगर द्वारा, 119 भिनाय द्वारा, 358 मसूदा द्वारा, 28 रूपनगढ़ द्वारा, 209 सरवाड़ द्वारा तथा 107 सांवर द्वारा कार्य किए गए। खाता विभाजन अजमेर में 8, अरांई मे ं40, किशनगढ़ में 48, केकड़ी में 100, टॉटगढ़ में 6, नसीराबाद में 113, पीसांगन में 50, पुष्कर में 12, बिजयनगर में 70, भिनाय में 296, मसूदा में 288, रूपनगढ़ में 12, सरवाड़ में 16 तथा सांवर में 55 किए गए।
उन्होंन बताया कि अजमेर तहसीलदार को 2 नए राजस्व गांव बनाने के प्रस्ताव प्राप्त हुए। केकड़ी में 13, टॉटगढ़ में 3, नसीराबाद में 5, पीसांगन में 12, पुष्कर में 5, बिजयनगर में 15, भिनाय में 17, मसूदा में 28, सरवाड़ मे ं9 तथा सांवर में 2 काश्तकारों को उनकी भूमि का सीमाज्ञान करवाया गया। केकड़ी में 4, भिनाय में 49, मसूदा में एक, सरवाड़ में 8 तथा सांवर में 10 गैर खातेदारी से खातेदारी प्रकरणों का निपटान किया गया। धारा 251 के अन्तर्गम मसूदा में 26, बिजयनगर में 9, केकड़ी में 7, नसीराबाद में 3, पुष्कर में 2 तथा अरांई, टॉटगढ़, भिनाय एवं सांवर में एक-एक प्रकरण निस्तारित किए गए। राजस्व अभिलेख संबंधी प्रतिलिपिया अजमेर में 399, अरांई में 432, किशनगढ़ में 601, केकड़ी में 466, टॉटगढ़ में 166, नसीराबाद में 729, पीसांगन में 598, पुष्कर में 631, बिजयनगर में 366, भिनाय में 375, मसूदा में 971, रूपनगढ़ में 278, सरवाड़ में 403 तथा सांवर में 192 उपलब्ध करवायी गई। इसी प्रकार अजमेर में 31, अरांई में 22, किशनगढ़ में 68, केकड़ी मं 330, टॉटगढ़ में 25, नसीराबाद में 343, पीसांगन में 117, पुष्कर में 121, बिजयनगर में 103, भिनाय में 52, मसूदा में 278, रूपनगढ में 38, सरवाड़ में 62 तथा सांवर में 39 प्रकरण अन्य धाराओं के निस्तारित कर आमजन को राहत प्रदान की गई।
