उत्तर प्रदेश सरकार ने क़ुरान के कथित अपमान के खिलाफ़ हुए प्रदर्शन में हुई पुलिस फायरिंग में, जिसमें छह मुसलमानों की मौत हो गई थी, जांच के आदेश दे दिए हैं.
ग़ाजि़याबाद के डासना थाने में रेल की पटरी के पास क़ुरान के कुछ पन्नों के अपमानजनक स्थिति में पाए जाने से मुसलमानों में भारी नाराज़गी का माहौल पैदा हो गया था, जिसके बाद मामला पुलिस फ़ायरिंग तक जा पहुंचा.
स्थानीय लोगों का आरोप है कि डासना थाने की पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने और कार्रवाई शुरू करने में देरी की.
वहीं पुलिस का दावा है कि भीड़ उत्तेजित थी, कुछ लोगों के पास देसी हथियार थे जिससे उन्होंने गोली चलानी शुरू कर दी थी, इसलिए पुलिस को भी जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी.
मरने वालों में से पांच की उम्र 14 से 19 साल के बीच बताई गई है.
क़ाबू
प्रशांत कुमार के अनुसार गंभीर रूप से घायलों में दो अधिकारी भी शामिल हैं. हिंसा में कई वाहनों को आग लगा दी गई और क्षेत्र से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात कई घंटे निलंबित रहा.
हालांकि हिंसा की घटना शुक्रवार की देर रात हुई लेकिन फायरिंग में नागरिकों के मौत की ख़बर शनिवार को ही सामने आ पाई.
स्थानीय मीडिया के मुताबिक़ क़ुरान के जो पन्ने जो पटरी से मिले थे उनपर एक टेलीफ़ोन नंबर भी दर्ज था, जिसपर फ़ोन करने के बाद लोगों से गाली गलोज की गई.
राज्य सरकार ने मरने वालों के आश्रितों के लिए पांच पांच लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है.